आज दुनिया में हर सेक्टर में AI की वजह से बदलाव तेज़ी से हो रहे हैं. कई लोग डरते हैं कि कहीं उनकी नौकरी पर इसका असर न पड़े. लेकिन 39 साल के मलेशिया के अकाउंटेंट Wei Khjan Chan ने इस डर को अपनी ताकत बना लिया. उन्होंने 18 साल तक अकाउंटेंट की नौकरी की, लेकिन जब उन्हें लगा कि AI उनके काम को बदल सकता है, तो उन्होंने इंतज़ार नहीं किया—उन्होंने खुद को AI सीखकर ही अपग्रेड कर लिया.
शुरुआत: बच्चों के सोने के बाद रात में सीखा “Vibe Coding”
Chan के पास दिन में समय नहीं होता था, इसलिए वे रात में बच्चों के सो जाने के बाद थोड़ा-थोड़ा करके कोडिंग सीखते थे. उन्होंने कोडिंग की लंबी, जटिल पढ़ाई नहीं की, बल्कि उन्होंने छोटे-छोटे काम चुने—एक फीचर जोड़ना, एक बग ठीक करना. धीरे-धीरे ये छोटे बदलाव एक बड़े प्रोजेक्ट में बदल गए. उन्हें समझ आया कि AI के साथ काम करने का असली तरीका है—धीरे, लेकिन लगातार, और हर बार सिर्फ एक चीज सुधारना.
AI की मदद से बना पहला बड़ा प्रोजेक्ट: खर्चों का ऑटोमेटेड वेब ऐप
AI सीखने के बाद Chan का पहला बड़ा प्रोजेक्ट था एक ऐसा वेब ऐप बनाना जो बिज़नेस ट्रिप के खर्चों को ऑटोमेटिक तरीके से प्रोसेस कर सके. इस ऐप में AI-based OCR technology का इस्तेमाल किया गया, जो रसीदों को स्कैन करके खुद ही रकम, आइटम और बाकी ज़रूरी डेटा को पहचान लेता है. यह जानकारी कंपनी के फाइनेंस सिस्टम में सही फॉर्मेट में खुद भर जाती है.
इसका फायदा यह हुआ कि टीम का बहुत सारा समय बचने लगा और गलतियों की संख्या लगभग खत्म हो गई. Chan को महसूस हुआ कि वे अपनी नौकरी को खत्म नहीं, बल्कि और मजबूत कर रहे हैं.
AI से डरने के बजाय उसे अपना हथियार बनाने की सोच
Chan का कहना है, “अगर मैं AI पहले सीख लेता, तो मैं खुद को रिप्लेस कर लेता—दूसरों के करने से पहले.” इस लाइन में आज के समय का सबसे बड़ा सबक छिपा है—AI को खतरा नहीं, बल्कि एक अवसर की तरह देखें. Chan ने सीखा कि AI के साथ काम करने के लिए बड़े लंबे प्रॉम्प्ट लिखने की ज़रूरत नहीं है. सबसे अच्छा तरीका यह है कि समस्या को छोटे हिस्सों में बांटकर हल किया जाए. अगर AI के एरर मैसेज बदल रहे हैं, तो इसका मतलब है कि प्रोग्राम आगे बढ़ रहा है. और अगर नहीं बदल रहे, तो उसे नया उदाहरण देकर समस्या दोबारा समझानी चाहिए.
AI सीखने वाले आम लोगों की बढ़ती कहानियां
Chan अकेले ऐसे इंसान नहीं हैं. दुनिया भर में कई लोग बिना टेक बैकग्राउंड के AI की मदद से कमाल कर रहे हैं.
– सिंगापुर में एक HR प्रोफेशनल ने मैटरनिटी लीव में रहते हुए परिवार के लिए Meal Planner ऐप बना दिया.
– अमेरिका में एक महिला ने लोगों की भावनाएँ समझने में मदद करने वाला ऐप विकसित किया.
– वहीं सैन फ्रांसिस्को में एक डिजाइनर ने कुत्तों की डिटेल सेव करने वाला ऐप बना दिया.
ये सभी बताते हैं कि AI सिर्फ एक्सपर्ट्स के लिए नहीं है—यह उन सभी के लिए है जो सीखने की इच्छा रखते हैं.