Symptoms Of Kidney Damage: हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी आम लगने वाली बीमारियां धीरे-धीरे किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं, वो भी बिना किसी शुरुआती लक्षण के। डॉक्टरों का कहना है कि ये दोनों बीमारियां ‘साइलेंट किडनी किलर’ हैं और भारत में किडनी फेल होने के सबसे बड़े कारणों में शामिल हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि डायबिटीज से खून में शुगर लेवल लगातार बढ़ा रहता है, जिससे किडनी की फिल्टरिंग यूनिट्स यानी नेफ्रॉन पर दबाव पड़ता है। वहीं, हाई बीपी किडनी की रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर देता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है और किडनी धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती है।
नहीं दिखाई देते आसानी से लक्षण
सबसे चिंताजनक बात ये है कि इन बीमारियों से ग्रसित अधिकतर मरीजों को शुरुआत में कोई स्पष्ट लक्षण नजर नहीं आते। जब तक जांच होती है, तब तक किडनी का करीब 60 से 70 प्रतिशत हिस्सा खराब हो चुका होता है। इंडियन सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी के मुताबिक, हर साल भारत में करीब 2 लाख लोग किडनी फेल्योर का शिकार होते हैं, जिनमें से ज्यादातर मरीज डायबिटिक या हाई बीपी पीड़ित होते हैं।
देर से दिखते हैं ये लक्षण
हालांकि, कुछ देर से दिखने वाले लक्षणों में थकान, पैरों और चेहरे पर सूजन, झागदार पेशाब, भूख न लगना, मतली और रात में बार-बार पेशाब आना शामिल हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि हाई बीपी और डायबिटीज से जूझ रहे मरीज हर छह महीने में किडनी फंक्शन टेस्ट जरूर कराएं। बचाव के लिए नमक और चीनी का सेवन सीमित करना बेहद जरूरी है। साथ ही, पर्याप्त पानी पीना, वजन नियंत्रित रखना और डॉक्टर की सलाह से दवा लेना जरूरी है। सही जीवनशैली और नियमित जांच से इस ‘चुपचाप मारने वाली बीमारी’ से बचा जा सकता है।