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Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से मिलती है 7 पीढ़ियों को मुक्ति

Benefits of Mokshada Ekadashi Vrat: मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. हिंदू धर्म में इस एकादशी का बहुत महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस पवित्र व्रत को करने से न केवल वर्तमान जीवन के कष्ट दूर होते हैं, बल्कि 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है.

By: Shivi Bajpai | Published: November 20, 2025 9:43:29 AM IST



Mokshada Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है. साल भर में कुल 24 एकादशी आती हैं, जिनमें से मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. शास्त्रों में इसे मोक्ष प्रदान करने वाली तिथि बताया गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार साल 2025 में मोक्षदा एकादशी का व्रत 1 दिसंबर, सोमवार को रखा जाएगा. इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

मोक्षदा एकादशी का शुभ मुहूर्त (Mokshada Ekadashi Ka Shubh Muhurat)

  • एकादशी तिथि प्रारंभ: 30 नवंबर 2025 (रविवार), रात 9:29 बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त: 1 दिसंबर 2025 (सोमवार), शाम 7:01 बजे
  • व्रत पारण: पारण समय प्रातःकाल के उपरांत, द्वादशी तिथि में
  • चूंकि एकादशी व्रत उदया तिथि के आधार पर रखा जाता है, इसलिए व्रत 1 दिसंबर 2025 को ही रखा जाएगा.

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मोक्षदा एकादशी का महत्व (Mokshada Ekadashi Ka Mehtav)

‘मोक्षदा’ नाम का अर्थ है ‘मोक्ष प्रदान करने वाली’. इस एकादशी के व्रत और पूजन से व्यक्ति को मोह-माया के बंधन से मुक्ति मिलती है और मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को विधि-विधान से करने से व्यक्ति की 7 पीढ़ियों के पूर्वजों को नरक के कष्टों से मुक्ति मिलती है और वे स्वर्ग लोक को प्राप्त करते हैं.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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