India Alliance Meeting : INDIA गठबंधन अब टूटने के कगार पर है. कांग्रेस, जो इसका सबसे बड़ा स्तंभ थी, अब पीछे हटती दिख रही है. पार्टी को क्षेत्रीय दलों से पर्याप्त सहयोग नहीं मिला, जिससे नाराज़ होकर नेहरू–गांधी परिवार इस गठबंधन को खत्म करने के मूड में बताया जा रहा है. बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार ने इस गठबंधन के ताबूत में अंतिम कील ठोक दी.
महीनों से भीतर ही भीतर चल रही नाराजगियां, सीट शेयरिंग पर असहमति, चुनावी रणनीति पर टकराव और आपसी अविश्वास खुलकर सामने आ गया.
कांग्रेस और RJD एक-दूसरे को हार का ज़िम्मेदार ठहराते रहे. कई सहयोगी दलों ने भी नेतृत्व और गठबंधन की दिशा पर सवाल उठाए. कई दौर की बैठकों के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला, और गठबंधन व्यावहारिक रूप से खत्म हो गया. हालांकि कांग्रेस महासचिव KC वेणुगोपाल ने इसके बिखरने की खबरों को बेबुनियाद बताया है.
INDIA गठबंधन का इतिहास और प्रदर्शन
18 जुलाई 2023 को 20 से अधिक विपक्षी दलों ने मिलकर INDIA गठबंधन बनाया था. इसका उद्देश्य था—NDA और भाजपा के खिलाफ एक मजबूत, संयुक्त राजनीतिक ताकत तैयार करना. इसमें कांग्रेस, RJD, DMK, TMC, AAP, JDU, SP, NCP (शरद पवार गुट), शिवसेना (उद्धव गुट) और वाम दल शामिल थे. मकसद था विभिन्न राज्यों में अलग-अलग दलों की ताकत को मिलाकर एक अखिल भारतीय विपक्ष तैयार करना.
2024 लोकसभा चुनाव में गठबंधन ने बेहतर प्रदर्शन किया और भाजपा को अकेले बहुमत से रोक दिया. हालांकि वे सरकार नहीं बना सके, लेकिन रणनीति असरदार दिखी. पर इसके बाद हुए राज्य चुनावों—महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और बिहार—में बुरी हार ने गठबंधन की कमजोरियों को उजागर कर दिया. सीट बंटवारे पर विवाद, क्षेत्रीय दलों की आपसी लड़ाई और तालमेल की कमी ने इस फ्रंट को कमजोर किया.
बिहार की हार अंतिम झटका
2025 बिहार चुनाव में विपक्ष को भारी हार मिली. RJD–कांग्रेस पहले से कमजोर थीं और नीतीश कुमार NDA के साथ जा चुके थे. INDIA में सीट शेयरिंग पर भी सहमति नहीं बन सकी. नतीजों के बाद सहयोगी दलों ने खुलकर कहा कि यह हार संयुक्त मंच की असफल रणनीति का परिणाम है.
क्यों टूटा INDIA गठबंधन?
गठबंधन में नेतृत्व को लेकर असहजता थी. कांग्रेस पर वर्चस्व का आरोप लगा, जबकि कई दलों को सीटों पर नुकसान का डर था. कई राज्यों में सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ लड़ते रहे. मंच पर एकता, लेकिन जमीन पर टकराव—यह इसकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई. वोट बंटे और सीधा फायदा NDA को मिला. शुरुआती उम्मीदों के बावजूद INDIA गठबंधन स्थिर राजनीतिक इकाई नहीं बन सका और अंततः टूट गया.
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