Tina Dabi Water Conservation: बाड़मेर जिले में वर्षा जल संचयन और जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किए गए उत्कृष्ट कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है. जिले की कलेक्टर टीना डाबी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘प्रथम जल संचय जनभागीदारी पुरस्कार’ से सम्मानित किया है. नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में यह सम्मान प्रदान किया गया, साथ ही जिले को 2 करोड़ रुपये का पुरस्कार भी मिला. यह उपलब्धि खास इसलिए मानी जा रही है क्योंकि बाड़मेर लंबे समय से देश के सबसे शुष्क और जल-संकटग्रस्त इलाकों में गिना जाता रहा है.
क्या है ‘कैच द रेन’ अभियान
जिला प्रशासन के नेतृत्व में ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत बाड़मेर ने वर्षा जल संरक्षण में उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है. रेतीली जमीन, कम वर्षा और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद जिले को जल प्रबंधन का राष्ट्रीय मॉडल बनाने में प्रशासन और आम जनता दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही.
राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किए जाने पर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने इसे जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों और जनता की सामूहिक मेहनत का परिणाम बताया. उन्होंने कहा कि टीमवर्क और जनसहभागिता के कारण ही यह सफलता संभव हुई और आने वाले समय में जल संरक्षण को और व्यापक स्तर पर लागू किया जाएगा.
इलाके में जल स्रोतों की क्षमता बढ़ी, जल स्तर में भी सुधार
बाड़मेर में वर्षा जल संग्रहण को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर टांका निर्माण कराया गया. यह पारंपरिक जल संरचना वर्षा जल को सुरक्षित रूप में संग्रहीत करने में बेहद कारगर साबित हुई है. हजारों परिवार अब इन टांकों के जरिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर पा रहे हैं. इसके साथ ही जिले में छतों पर वर्षा जल संचयन को प्रोत्साहित किया गया, जबकि कई झीलों, तालाबों और बावड़ियों का पुनरुद्धार भी किया गया, जिससे जल स्रोतों की क्षमता बढ़ी और जल स्तर में सुधार आने लगा.
87 हजार टांकों का हुआ जिले में निर्माण
जिले में लगभग 87 हजार टांकों का निर्माण किया गया है, जो बाड़मेर की जल क्रांति की सबसे बड़ी पहचान बन चुके हैं. रेगिस्तानी इलाके में जहां पहले जल संकट आम था, वहीं अब वर्षा जल संवहन का यह मॉडल पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रहा है. टीना डाबी ने कहा कि इलाके के लोगों की जागरूकता और उत्साह के बिना यह प्रयास सफल नहीं हो सकता था. पुरस्कार मिलने से जिले में जल संरक्षण को लेकर चल रहे प्रयासों को और गति मिलने की उम्मीद है.