बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 19 सीट्स पर जीत हासिल करने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान (Chirag Paswan) इन दिनों काफी खुश हैं. पॉलिटिक्स में पैर जमाने से पहले चिराग ने फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई थी और 2011 में फिल्म ‘मिले न मिले हम’ से बॉलीवुड में अपना एक्टिंग डेब्यू किया था. इसमें उनके अपोजिट कंगना रनोट थीं. फिल्म बॉक्सऑफिस पर बुरी तरह धराशायी हो गई थी और ये बॉक्स ऑफिस पर एक करोड़ का कलेक्शन तक नहीं कर पाई थी.

एक्टिंग मेरे लिए डिजास्टर थी: चिराग
अब एक इंटरव्यू में चिराग ने अपने एक्टिंग करियर के बारे में बात की है. उन्होंने कहा, मेरे परिवार से कभी कोई बॉलीवुड नहीं गया. फिल्मी अंदाज में कहूं तो मेरी सात पुश्तों का फिल्म से कोई नाता नहीं रहा. मैं ऐसी पहली जनरेशन हूं जिसने फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई लेकिन मुझे बहुत ही जल्दी एहसास हो गया कि ये एक डिजास्टर है. दुनिया के पहले मैं खुद ये बात समझ गया था कि मैं डिजास्टर था. मुझे ये मालूम हो गया था कि मैं इसके लिए नहीं बना हूं.
चिराग ने आगे कहा, मैंने अपने पिता को स्टेज पर खड़े होकर स्पीच देते हुए देखा था और वह अपने मन से कई बातें बोलते थे. यहां फिल्मों में लिखे हुए डायलॉग्स दिए जाते हैं, वो भी दो लाइन के…मैं दो लाइन की जगह मन से ही दो पेज बोल देता था और फिल्म मेकर्स कहते थे कि तुम्हें इतना बोलने की जरूरत नहीं है. मुझे लगता था कि मैं डायलॉग्स इम्प्रोवाइज कर सकता हूं लेकिन बाद में लगा कि ये नहीं हो सकता. मैं याद करके डायलॉग नहीं बोल सकता, वो भी चेहरे पर इतना मेकअप लगाकर.

कंगना के बारे में कही ये बात
एक्टिंग की दुनिया में कदम रखने के दौरान एक ही चीज अच्छी हुई कि मैं और कंगना अच्छे दोस्त बन गए. ये अच्छी चीज समय के साथ और आगे बढ़ी. मैं कंगना से पार्लियामेंट में मिलने के लिए बेताब हूं क्योंकि पिछले तीन सालों से मैं अपनी लाइफ में इतना बिजी हूं कि मेरा उनसे कनेक्शन टूट गया है.