Hindu ding Rituals: बरात लेकर जाते समय दूल्हे को घोड़ी पर बैठाया जाता है. घोड़ी पर बैठना कई लोगों में रस्म है. लेकिन इस रस्म, रिवाज और परंपरा किसका प्रतीक है जानते हैं. घोड़ी पर दूल्हे का चढ़ना सुख, सौभाग्य और शुभ माना जाता है.
दूल्हा अपनी दुल्हनियां को लेने बारात लेकर घोड़ी पर चढ़कर जाता है. दूल्हा सफेद रंग की घोड़ी पर बैठकर शादी की जगह पर जाता है. यह रस्म आज से नहीं बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही है.
घोड़ी पर क्यों आता है दूल्हा?
यह प्रतीक है नई जिम्मेदारियां को उठाने का और साथ ही वीरता का प्रतीक है. प्राचीन काल में विवाह से पहले योद्धाओं को अपनी बहादुरी साबित करनी पड़ती थी. जिसके लिए वह घोड़े पर सवार होकर आते थे. इसी वजह से युद्ध पर जाते समय घोड़ा उपयोग में लाया जाता था.
अगर वह घोड़ी पर बैठ कर आते तो यह शुभ और मांगलिक, विवाह का संदेश देता है. इसी कारण दुल्हा घोड़े पर नहीं बल्कि घोड़ी पर आता है.
घोड़ी का स्वभाव बहुत चंचल और फुर्तीला होता है. घोड़ी पर सवार होकर जब दूल्हा दुल्हन को लेने जाता है को यह इस बात को दर्शाता है उसने अपने चंचल स्वभाव पर काबू पा लिया है और अब वह अपनी जिंदगी में बड़ी और परिवार की जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है.
एक और मान्यता के अनुसार घोड़ा बहुत गुस्सैल स्वभाव का होता है. घोड़े के बिगड़ने पर उसपर काबू पाना बेहद मुश्किल होता है. इसीलिए घोड़ा शक्ति का प्रतीक है. वहीं मांगलिक कार्य जैसे शादी के लिए समर्पण भाव चाहिए. इसीलिए शादी के दिन दूल्हा घोड़ी पर बैठकर आता है.
सफेद घोड़ी क्यों?
दूल्हा हमेशा ही अपनी दुल्हनियां को ले जाने के लिए सफेद रंग की घोड़ी पर ही आता है. दूल्हे के लिए सफेद घोड़ी का चयन इसीलिए किया जाता है क्योंकि सफेद रंग शांति, शुद्धता, उदारता और सौभाग्य का प्रतीक है.
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