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Chanakya Niti: जीवन में आने वाले संकट को पहले ही पहचानें इन 3 चाणक्य संकेतों से

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में ऐसे संकेतों का वर्णन किया है जो आने वाले बुरे समय या संकट की पूर्व चेतावनी देते हैं. इन संकेतों को समझना बेहद जरूरी है.

By: Shivashakti Narayan Singh | Published: November 16, 2025 5:12:15 PM IST



Chanakya Niti: चाणक्य नीति में, आचार्य चाणक्य ने जीवन के कई गहन पहलुओं का खुलासा किया है. उन्हें भारत का सबसे महान अर्थशास्त्री, राजनेता और ऋषि माना जाता है. उनके सिद्धांत आज भी लोगों को सफलता, धन, प्रसिद्धि और समृद्धि की ओर ले जाते हैं. अपने ग्रंथ में, उन्होंने कुछ ऐसे संकेतों का उल्लेख किया है जो बताते हैं कि बुरा समय या संकट आने वाला है.

तुलसी का मुरझाना

शास्त्रों में तुलसी का मुरझाना एक ऐसा संकेत है जिसे बहुत गंभीरता से लिया जाता है. तुलसी के पौधे को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है और घर में इसकी उपस्थिति सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखती है. हालाँकि, अगर पौधा बिना किसी कारण के मुरझाने या सूखने लगे, तो इसे बहुत अशुभ संकेत माना जाता है. यह दर्शाता है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर रही है और आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं. ऐसे समय में, व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए और धार्मिक या सकारात्मक उपाय करने चाहिए.

गृह कलह

दूसरा संकेत है गृह कलह, यानी घर में बढ़ते झगड़े, तनाव या वाद-विवाद. अगर परिवार में बिना किसी ठोस कारण के अशांति या कलह बढ़ जाए, तो यह इस बात का संकेत है कि मुश्किल समय आ रहा है. इससे आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव या रिश्तों में दूरियाँ आ सकती हैं. ऐसे में व्यक्ति को शांत स्वभाव अपनाना चाहिए, घर में धार्मिक माहौल बनाना चाहिए और अपनी वाणी और व्यवहार पर नियंत्रण रखना चाहिए.

कांच का टूटना

तीसरा संकेत है कांच का टूटना. चाणक्य नीति के अनुसार, अगर घर में कोई दर्पण या कांच अपने आप टूट जाए, तो यह आने वाले दुर्भाग्य या संकट का संकेत देता है. ऐसा माना जाता है कि यह व्यक्ति के भाग्य में बाधाओं या कठिनाइयों का संकेत देता है. घर में टूटा हुआ कांच नहीं रखना चाहिए क्योंकि यह दरिद्रता और नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है.

इस प्रकार, आचार्य चाणक्य ने बताया कि प्रकृति और पर्यावरण में होने वाले ये छोटे-छोटे बदलाव हमें भविष्य के संकेत देते हैं. अगर व्यक्ति समय रहते इन चेतावनियों को समझ ले और सकारात्मक कदम उठाए, तो वह आने वाले बुरे समय को टाल सकता है. चाणक्य के सिद्धांत हमें सिखाते हैं कि सतर्कता, संयम और बुद्धि से हर संकट का समाधान किया जा सकता है.

Disclaimer : प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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