Aaj Ka Panchang 17 November 2025: आज 17 नवंबर 2025, सोमवार का दिन हिंदू पंचांग के अनुसार आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इसलिए इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से आपको विशेष फल की प्राप्ति होती है. तो चलिए जानते हैं यहां क्या है आज के दिन का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
दिनांक : 17 नवंबर 2025
वार : सोमवार
माह (अमावस्यांत) : कार्तिक
माह (पूर्णिमांत) : मार्गशीर्ष
ऋतु : हेमंत
आयन : दक्षिणायन
पक्ष : कृष्ण पक्ष
तिथि: त्रयोदशी तिथि
नक्षत्र: चित्रा नक्षत्र (18 नवंबर को सुबह 5:01 बजे तक) तत्पश्चात स्वाति नक्षत्र
योग: प्रीति योग (सुबह 7:22 बजे तक) तत्पश्चात आयुष्मान योग
करण: गरज करण (शाम 5:58 बजे तक) तत्पश्चात वणिज करण
चंद्र राशि: कन्या (दोपहर 3:34 बजे तक) तत्पश्चात तुला
सूर्य राशि: वृश्चिक
अशुभ समय:
राहु काल: सुबह 08:10 से सुबह 09:31 तक
शुभ मुहूर्त:
अभिजित : सुबह 11:50 से दोपहर 12:33
सूर्योदय: सुबह 06:49
सूर्यास्त : शाम 05:34
संवत्सर : विश्वावसु
संवत्सर(उत्तर) : सिद्धार्थी
विक्रम संवत: 2082 विक्रम संवत
शक संवत: 1947 शक संवत
हिंदू कैलेंडर चंद्र आधारित है, यानी यह चंद्रमा की कलाओं पर निर्भर करता है. इसमें दिन की शुरुआत सूर्योदय से होती है. इसे पाँच “गुण” दिए गए हैं, अर्थात्:
तिथी
वार
नक्षत्र
योग
करण
उपरोक्त पाँच गुणों को सम्मिलित रूप से पंचांग कहा जाता है।
तारीख:
तिथि दिन के अलग-अलग समय पर शुरू होती है और लगभग 19 से 26 घंटे की अवधि में भिन्न होती है. चन्द्र मास के प्रत्येक दिन को एक तिथि कहा जाता है. अमावस्या, पूर्णिमा, प्रथम, द्वितीय आदि जब तिथि बदलती है तो चंद्रमा की स्थिति भी बदल जाती है.
वार
सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार
योग: विष्कुम्भा, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्यागत, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतिपात, वारियान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुक्ल, ब्रह्मा, इन्द्र, वैधता
करण: किंस्तुघन, भाव, बल्व, कौलव, तैतुल, गरज, वणिज, विष्टि (भद्रा), शकुनि, चतुष्पाद, नागव.
पक्ष:
कृष्ण पक्ष: जैसे-जैसे चंद्रमा का आकार छोटा होता जाता है, यह पक्ष पूर्णिमा से अमावस्या में बदल जाता है
शुक्ल पक्ष: चंद्रमा का आकार बढ़ता है। यह दल अमावस्या से पूर्णिमा तक परिवर्तित हो जाता है
महीने: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ, फाल्गुन.