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Utpanna Ekadashi katha 2025: जानें कैसे हुआ देवी एकादशी का जन्म! यहां पढ़े पूरी कहानी

Utpanna Ekadashi Vrat Katha: मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष एकादशी को उत्पन्ना एकादशी कहा जाता हैं, क्योंकि इसी दिन देवी एकादशी उत्पन्ना हुई थी. चलिए जानते हैं यहां उत्पन्ना एकादशी के व्रत की कथा और महत्व के बारे में.

By: chhaya sharma | Last Updated: November 15, 2025 10:56:28 AM IST



Utpanna Ekadashi ki Kahani: पंचांग के अनुसार हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है. हिंदू धर्म में इस एकादशी को बेहद महत्वपूर्ण  बताया जाता है, क्योंकि इसी दिन माता एकादशी का जन्म हुआ था. कहा जाता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं यहां उत्पन्ना एकादशी के व्रत की कथा और महत्व के बारे में.

उत्पन्ना एकादशी व्रत की कथा (Utpanna Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के अनुसार, एक अत्याचारी असुर था, जिसका नाम मुर था उसने देवताओं पर आक्रमण कर दिया था और स्वर्ग लोक पर कब्जा कर लिया था. उसके अत्याचारों से सभी देवता भयभीत हो गए थे और सब श्रीहरि विष्णु के पास पहुंच है. विष्णु भगवान ने भी सभी देवताओं की रक्षा के लिए मुरासुर का अंत करने का संकल्प लिया और कई दिनों तक उससे युद्ध किया, लेकिन मुर अत्यंत बलशाली था. वहीं भगवान विष्णु युद्ध में थक गए और  हिमालय की एक गुफा में विश्राम करने लगे, तो मुरासुर वहां पहुंच गया और  विष्णु जी पर हमला कर दिया. तभी भगवान विष्णु के शरीर से एक दिव्य ऊर्जा उत्पन्न हुई. जो एक तेजस्वी देवी के रूप में प्रकट हुई. उसी देवी को “एकादशी” का नाम दिया गया. इस देवी में इतनी शक्ति थीं कि उन्होंने अकेले ही मुरासुर का वध कर दिया और देवताओं की रक्षा की और सभी को भय से मुक्ती दिलाई. भगवान विष्णु भी उस दिव्य शक्ति से प्रसन्न हुए और कहा “हे देवी! आप धर्म की रक्षक होंगी. आपके नाम की तिथि पर जो भी व्रत करेगा, उसके सभी पाप नष्ट हो जाएंगे.” इसी से उत्पन्ना एकादशी का आरंभ हुआ, क्योंकि इस दिन ही देवी एकादशी का ‘उत्पन्न’ यानी जन्म हुआ था.

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क्या है उत्पन्ना एकादशी व्रत का महत्व 

मान्यताओं के अनुसार, जो कोई भी उत्पन्ना एकादशी का व्रत करता है, उसके सभी पाप खत्म होते हैं.  जीवन में सुख-शांति मिलती है. घर-परिवार में समृद्धि का वास होतै है. इसके अलावा, जो लोग उत्पन्ना एकादशी का  उपवास करते हैं, उन्हें भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है. यह दिन भक्तों के लिए आत्मशुद्धि, भक्ति और मोक्ष की ओर अग्रसर होने का अवसर देता है.

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Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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