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Utpanna Ekadashi 2025: आज है उत्पन्ना एकादशी का व्रत! जानें शुभ मुहूर्त, सही पूजी विधि, विष्णु जी की कृपा के लिए मंत्र

Utpanna Ekadashi 2025 Shubh Muhurat: आज उत्पन्ना एकादशी का व्रत है, इस दिन देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थी. एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं, चलिए जानते हैं यहां उत्पन्ना एकादशी की सही पूजा विधी, पूजा का शुभ मुहूर्त और प्रभावशाली मंत्र

By: chhaya sharma | Last Updated: November 15, 2025 1:20:44 PM IST



Utpanna Ekadashi 2025 Puja Vidhi: हर साल मार्गशीर्ष महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता हैं, क्योंकि इस दिन ही देवी एकादशी की उत्पत्ति हुई थी. इसलिए आज 15 नवंबर, शनिवार के दिन ये उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाएंगा. एकादशी के दिन व्रत किया जाता है और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, मान्यता है कि एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा करने से और व्रत रखने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं, दरिद्रता खत्म होती है और नकारात्मकता दूर होती है. चलिए जानते हैं यहां उत्पन्ना एकादशी की सही पूजा विधी, पूजा का शुभ मुहूर्त और प्रभावशाली मंत्र 

उत्पन्ना एकादशी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त

  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:49 बजे से लेकर दोपहर12:33 बजे तक
  • अमृत काल: दोपहर 2:28 बजे से लेकरदोपहर 4:11 बजे तक
  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:08 बजे से लेकर सुबह 5:56 बजे तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 5:27 बजे से लेकर शाम 5:54 बजे तक

उत्तम चौघड़िया मुहूर्त:

  • सुबह 08:04 बजे से सुबह 09:25 बजे तक
  • दोपहर 02:46 बजे से  शाम 04:07 बजे तक

उत्पन्ना एकादशी की पूजा विधि क्या है

उत्पन्ना एकादशी के दिन  सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, फिर पूजा स्थान को अच्छे से साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें. इसके बाद एक चौकी पर विष्णु जी और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित करें. मुर्ती के सामने दीपक जलाएं और पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु और मां लक्षमी जी की पूजा करें विष्णु भगवान को फूल चढ़ाएं और अंत में आरती पढ़ें. इसके बाद विष्णु जी को तुलसी दल डालकर भोग अर्पित करें और मां लक्ष्मी को भी मिठाई का भोग लगाएं.

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उत्पन्ना एकादशी की पूजा में पढ़े विष्णु जी के मंत्र 

  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय: 
  • ॐ नमो नारायणाय: 
  • शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्…:
  • श्रीमननारायण नारायण हरि हरि: 
  • विष्णु गायत्री मंत्र: ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥:

उत्पन्ना एकादशी की पूजा में पढ़े लक्ष्मी जी के मंत्र 

  • “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”
  • “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः”
  • “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्माकं दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ”: 
  • “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नमः”
  • “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं धनदा लक्ष्मी नमः”:

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