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Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार.. मौत से भी बदतर जीवन इन लोगों का साथ! दूरी बनाने में होगी भलाई

Acharya Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़ी समस्याओं को आसाना बनाने का उपाय उनके द्वारा लिखी गई किताब चाणक्य नीति में बताया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिवन में कुछ लोगों से दूरा बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग आपको जीवन में कभी भी सफल नहीं होने देते.

By: chhaya sharma | Published: November 14, 2025 12:57:13 PM IST



Acharya Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य जिन्हें विष्णुगुप्त और कौटिल्य (kautilya chanakya) के नाम से भी जाना जाता है, वो भारत इतिहास के महान विद्वान और दार्शनिक थेयआचार्य चाणक्य को भारत का सबसे महान राजनेता अर्थशास्त्री और ज्ञानी माना जाता है. उन्होंने चाणक्य नीति नाम के एक ग्रंथ की रचना की है, जो आज के समय में भी काफी लोकप्रिय है. चाणक्य नीति में जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे कि ज्ञान, रिश्तों, धन और रणनीति से संबंधित परेशानियों को आसान बनाने के सलहा दी है, जो आज के समय में लोगों को बेहद काम आ सकती है. 
 
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, जिवन में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनका साथ हमारे लिए बेहद हानिकारक होता है. ऐसे लोग मानसिक शांति भंग करते हैं, जीवन में सफल होने में बाधा बनते हैं. बुरी आदत लगा सकते हैं और अच्छी शिक्षा नहीं देते हैं. चलिए जानते हैं यहां कि आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार जीवन में किन लोगों से सावधान रहना चाहिए.  

दुर्जनेषु च सर्पेषु वरं सर्पो न दुर्जनः.
सर्पो दंशति कालेन दुर्जनस्तु पदे-पदे..

आचार्य चाणक्य नीति  (Chanakya Niti In Hindi) के अनुसार, दुष्ट व्यक्ति और सांप की तुलना की जाए तो साप बेहतर माना जाता है, क्योंकि साप सिर्फ एक बार डसता है, लेकिन दुष्ट व्यक्ति हर कदम पर धोखा देने का काम करता है. इसलिए जीवन में दुष्ट व्यक्ति का साथ मौत से भी बदतर माना जाता है और ऐसे व्यक्ति से हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. दुष्ट व्यक्ति कभी भी सामने वालें को सफल नहीं होने देता है.

कुराजराज्येन कुतः प्रजासुखं कुमित्रमित्रेण कुतोऽभिनिवृत्तिः.
कुदारदारैश्च कुतो गृहे रतिः कृशिष्यमध्यापयतः कुतो यशः..

आचार्य चाणक्य  (Acharya Chanakya) के अनुसार, दुष्ट राजा की प्रजा कभी सुखी नहीं रह सकती है. दुष्ट मित्र का साथ कभई सफलता नहीं दिला सकता, दुष्ट पत्नी के साथ से घर में कभी खुश नहीं आ सकती और दुष्ट शिष्य कभी यश नहीं दिला सकता. इसलिए कभी भी जीवन में ऐसे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए. जीवन में तरक्की और सफलता पाने के लिए हमेशा अच्छे और नेक लोगों के साथ रहना चाहिए.

मूर्खाणां एण्डिता द्वेष्या अधनानां महाधना.
वारांगना कुलीनानां सभगानां च दुर्भगा..

चाणक्य की नीति  (Chanakya Niti In Hindi)  के अनुसार, मूर्खों, निर्धन लोगों और वेश्याओं से दूरी बनाकर रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग सफलता में बाधा बनते है. आचार्य चाणक्य के अनुसारा मूर्खों और निर्धन लोगों की मानसिकता हमेशा ईर्ष्या और द्वेष से भरी होती है और उनके जलन का स्वाभाव कभी भी सहीं मार्ग नहीं दिखाता. 

अन्यथा वेदपाण्डित्यं शास्त्रमाचारमन्यथा.
अन्यथा वदतः शांतं लोकाः क्लिश्यन्ति चान्यथा..

आचार्य चाणक्य  (Acharya Chanakya)  कहते हैं कि जो लोग शांत व्यक्ति की निंदा करते हैं, उनसे जीवन में हमेशा दूरी बनाकर रखनी चाहिए. ऐसे लोग नासमझी और ईर्ष्या के कारण दूसरों की बुराई करते हैं. चाणक्य नीति के अनुसार वेदों, शास्त्रों, पांडित्य और सदाचार को बदनाम करने वाला व्यक्ति हमेशा कष्ट में रहता है. उनकी संगत का असर आप पर ना पड़़े इसलिए आपको ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए 

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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