Sushil Kedia: महाराष्ट्र में इन दिनों में मराठी और हिंदी को लेकर एक नई जंग छिड़ी हुई है। हालांकि, ये विवाद बहुत पहले से चला आ रहा है, लेकिन महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के एक फैसले के बाद से ये विवाद और गहराता चला जा रहा है। अब नया मामला सुशील केडिया से जुड़ा है। दरअसल, कारोबारी सुशील केडिया ने मराठी नहीं सीखने की बात कही थी। इसके बाद मनसे के कार्यकर्ताओं ने उनके दफ्तर पर तोड़फोड़ कर दी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया जमकर वायरल हो रहा है। अब जानकारी सामने आ रही है कि, सुशील केडिया को सोशल मीडिया पोस्ट के लिए धमकियां मिल रही है। इसलिए उन्होंने सुरक्षा के लिए मुंबई पुलिस से संपर्क किया है।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने दिया जवाब
दरअसल, पूरा मामला ये है कि, दिग्गज कारोबारी सुशील केडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा था कि, “मुंबई में 30 साल रहने के बाद भी मुझे मराठी ठीक से नहीं आती और आपके घोर दुर्व्यवहार के कारण मैंने संकल्प लिया है कि जब तक आप जैसे लोग मराठी मानुस की परवाह करने का दिखावा करते रहेंगे, तब तक मैं मराठी नहीं सीखूंगा। आप क्या करना चाहते हैं?” जिसके बाद मनसे नेता संदीप देशपांडे ने सुशील केडिया को जवाब देते हुए उन्हें अपने व्यवसाय पर ध्यान देने को कहा और कहा कि “अगर आप व्यवसायी हैं तो व्यवसाय करें, हमारे पिता जैसा व्यवहार करने की कोशिश न करें।अगर महाराष्ट्र में मराठी का अपमान करेंगे तो आपके मुंह पर तमाचा लगेगा। अपनी हद में रहें।”
व्यापारी ने पुलिस से मांगी सुरक्षा
शुक्रवार को व्यवसायी सुशील केडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक और पोस्ट लिखा कि “श्रीमान राज ठाकरे, भले ही आपके सैकड़ों कार्यकर्ता मुझे धमकाते रहें, फिर भी मैं धाराप्रवाह मराठी नहीं बोल पाऊंगा। इसे समझिए। धमकी नहीं, प्यार लोगों को जोड़ता है।” उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि “मुंबई पुलिस आयुक्त, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कृपया ध्यान दें, राज ठाकरे के कार्यकर्ता खुलेआम मुझे हिंसा की धमकी दे रहे हैं। मुझे सुरक्षा प्रदान करें।”
क्या है पूरा मामला?
हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड में एक दुकान मालिक पर मराठी न बोलने पर हमला किया था और हमले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल किया था। जिसके बाद सुशील केडिया ने यह प्रतिक्रिया दी है। गुरुवार को मीरा रोड पर सैकड़ों दुकानदार और व्यापारी इस हमले के विरोध में सड़क पर उतर आए और दुकानें बंद रखीं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया और फिर बाद में नोटिस देकर रिहा कर दिया। वहीं राज ठाकरे की पार्टी ने हमले के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है।