Vrishchik Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भगवान सूर्य को ग्रहों के राजा के रूप में पूजा जाता है. भगवान सूर्य एक राशि में एक माह गोचर करते हैं. इस तरह से भगवान सूर्य को 12 राशियों में गोचर करने में एक साल का वक्त लग जाता है. जब भगवान एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में जाते हैं, तो वो दिन संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. इसी क्रम में 16 नवंबर को वृश्चिक संक्रांति मनाई जाने वाली है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन भगवान सूर्य तुला राशि से निकलकर मंगल इस राशि में प्रवेश करेंगे. इस दिन विधि-विधान से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है. भगवान सूर्य को इस दिन अर्घ्य देने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व है.
वृश्चिक संक्रांति 2025 में कब है (Vrishchik Sankranti 2025 Kab Hai)
वैदिक पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य 16 नवंबर 2025 को तुला राशि से निकलकर मंगल की राशि वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. भगवान सूर्य का राशि परिवर्तन का क्षण ही वृश्चिक संक्रांति कहलाता है. इस साल वृश्चिक संक्रांति 16 नवंबर को मनाई जाएगी.
वृश्चिक संक्रांति का महत्व (Vrishchik Sankranti Ka Mehtav)
वृश्चिक संक्रांति का दिन आध्यात्मिक शुद्धि, आंतरिक शक्ति और भावनात्मक स्थिरता को मजबूत करने वाला है. इस दिन सूर्य देव की पूजा, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और पितरों का तर्पण करने का विशेष महत्व है.
Putrada Ekadashi 2025 Date:संतान प्राप्ति के लिए कब रखा जाएगा पुत्रदा एकादशी का व्रत, जानें सही डेट
वृश्चिक संक्रांति पर किन चीजों का करें दान (Vrishchik Rashi Daan)
वृश्चिक संक्रांति के दिन लाल रंग के चंदन, फल, वस्त्र और फूल आदि का दान करना चाहिए.
गरीबों और जरूरतमंद लोगों को आपको गेंहू, केसर और गुड़ का दान करना चाहिए. इससे आपके जीवन में सुख-समृ्द्धि का वास होा है.
इस दिन तिल का दान करना भी शुभ माना जाता है. इससे आपके जीवन की नकारात्मकता दूर होती है.