Home > खेल > भारत-पाक खेल संबंध: पहलगाम हमले के बाद इंडिया आएंगे पाकिस्तानी खिलाड़ी, नहीं होगी कोई रोक-टोक, आखिर किसके दबाव में काम कर रहा है भारत?

भारत-पाक खेल संबंध: पहलगाम हमले के बाद इंडिया आएंगे पाकिस्तानी खिलाड़ी, नहीं होगी कोई रोक-टोक, आखिर किसके दबाव में काम कर रहा है भारत?

India Pakistan Sports Visa: पहलगाम आतंकी हमले के घाव अब तक भरे नहीं हैं लेकिन भारत पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर मेहरबान हो गया है। खबरों के मुताबिक खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हिस्सा लेने आने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा।

By: Deepak Vikal | Last Updated: July 5, 2025 5:11:14 PM IST



India Pakistan Sports Visa: पहलगाम आतंकी हमले के घाव अब तक भरे नहीं हैं लेकिन भारत पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर मेहरबान हो गया है। दरअसल हमले के बाद भारत सरकार ने 24 अप्रैल 2025 को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी थीं। उस वक्त देश में पाकिस्तान के के लिए काफी गुस्सा था। तब यह तय माना जा रहा था कि भविष्य में पाकिस्तानी खिलाड़ी को भारत में होने वाले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेने के लिए वीजा नहीं दिया जाएगा। 

लेकिन अब खबरों के मुताबिक खेल मंत्रालय सुर बदल गए हैं। एक अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में हिस्सा लेने आने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा।

दस खेलों में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होने हैं

दरअसल, 2025 में भारत में हॉकी, एथलेटिक्स, तैराकी, भारोत्तोलन, बैडमिंटन, स्क्वैश जैसे करीब दस खेलों में कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट होने हैं। जिसमें पाकिस्तान समेत अन्य देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। अधिकारी ने स्पष्ट किया कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय मैचों में हिस्सा नहीं लेगा। लेकिन बहुराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भागीदारी नहीं रोकी जाएगी। क्रिकेट को इससे बाहर रखा गया है क्योंकि दोनों देश 2027 तक तटस्थ स्थलों पर ही क्रिकेट खेलेंगे।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के दबाव में आया भारत

यह चर्चा इसलिए है क्योंकि पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया था। इसके बाद आईओसी की अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इसे ओलंपिक चार्टर के ‘गैर-भेदभाव’ सिद्धांत का उल्लंघन करने का दोषी माना था। इतना ही नहीं, भविष्य में होने वाले खेल आयोजनों की मेजबानी पर रोक लगाने की बात कही थी। इसके बाद भारत सरकार ने आईओए को लिखित जवाब दिया था कि भारत में आयोजित होने वाले खेलों में सभी देशों के पात्र खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। लगता है कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति दबाव के चलते भी भारत को यह फैसला लेना बड़ा है। 

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खतरे में पड़ सकती है भारत की ओलंपिक मेजबानी 2036

यह फैसला भारत के 2036 ओलंपिक की मेजबानी के सपने को देखते हुए भी महत्वपूर्ण है। आईओसी पहले ही साफ कर चुका है कि अगर कोई देश राजनीतिक कारणों से एथलीटों को टूर्नामेंट से बाहर करता है तो ओलंपिक की मेजबानी का उसका दावा खतरे में पड़ सकता है। ऐसे में भारत ने यह संतुलित कदम उठाया है। इसका साफ मतलब है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत की कृपा से यहां आ रहे हैं। यह भारत की उदारता है।

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