Som Pradosh Vrat 2025 Date: सोम प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को है. नवंबर में यह दूसरा प्रदोष व्रत है. इस बार प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ रहा है, इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. सोम प्रदोष व्रत के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. सोम प्रदोष व्रत के दिन पूजा के लिए आपको 2 घंटे 40 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा. इस दिन व्रत रखकर लोग प्रदोष काल में विधिवत भगवान शिव की पूजा करते हैं. आइए तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानें कि सोम प्रदोष व्रत कब रखा जाता है. सोम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है?
सोम प्रदोष व्रत की तिथि
पंचांग के अनुसार, सोम प्रदोष व्रत के लिए आवश्यक मार्गशीर्ष कृष्ण त्रयोदशी तिथि 17 नवंबर को प्रातः 4:47 बजे से प्रारंभ हो रही है. यह तिथि 18 नवंबर को प्रातः 7:12 बजे तक मान्य है. अतः उदयातिथि और प्रदोष पूजा मुहूर्त के अनुसार, सोम प्रदोष व्रत सोमवार, 17 नवंबर को रखा जाएगा.
दो शुभ योगों वाला सोम प्रदोष व्रत
इस बार सोम प्रदोष व्रत के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं. पहला शुभ योग प्रीति योग और दूसरा शुभ योग आयुष्मान योग है. शिव पूजा के दौरान आयुष्मान प्रबल रहेगा. पंचांग के अनुसार, प्रीति योग प्रातः काल से लेकर सुबह 7:23 बजे तक रहेगा, जिसके बाद आयुष्मान योग रहेगा. इस शुभ योग में पूजा करने से आपकी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और परिवार में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी.
सोम प्रदोष व्रत के दिन चित्रा और स्वाति नक्षत्र हैं. चित्रा नक्षत्र प्रातः काल से लेकर अगले दिन, 18 नवंबर को प्रातः 5:01 बजे तक रहेगा, जिसके बाद स्वाति नक्षत्र होगा.
सोम प्रदोष मुहूर्त
- 17 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त ढाई घंटे से अधिक है. शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:27 बजे से शुरू होकर रात 8:07 बजे तक रहेगा. सोम प्रदोष व्रत की पूजा इसी शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए. आप दिन में दैनिक पूजा कर सकते हैं.
- सोम प्रदोष व्रत के लिए ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 4:59 बजे से शुरू होकर प्रातः 5:52 बजे तक रहेगा. इस समय स्नान करें; यह स्नान के लिए सर्वोत्तम समय है. उस दिन का शुभ मुहूर्त, यानी अभिजीत मुहूर्त, सुबह 11:45 बजे से दोपहर 12:27 बजे तक है.
- उस दिन का अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 6:45 बजे से 8:05 बजे तक है. शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 9:26 बजे से 10:46 बजे तक है. निशिता मुहूर्त रात 11:40 बजे से 12:33 बजे तक है.
सोम प्रदोष व्रत का पारण
जो लोग 17 नवंबर को सोम प्रदोष व्रत रखते हैं, वे 18 नवंबर, मंगलवार को सूर्योदय के बाद, यानी सुबह 6:46 बजे के बाद इसका पारण कर सकते हैं.
सोम प्रदोष व्रत का महत्व
- रोग, दोष और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए भी सोम प्रदोष व्रत अवश्य रखना चाहिए.
- सोम प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है.
- भगवान शिव की कृपा से सभी दुख दूर हो जाते हैं. सोम प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय है.
- सोम प्रदोष व्रत करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. ग्रह दोष दूर होते हैं और संतान सुख की प्राप्ति होती है.