Dabur Real Mixed Fruit Juice Scam: हम सब जानते हैं कि रीयल कंपनी का मिक्स फ्रूट जूस बहुत लोगों की पसंद है. लेकिन हाल ही में इस जूस में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है. देखने में पैकिंग नई लगती है, पर असल फर्क अंदर के जूस में है.
पुराने पैक वाले रीयल मिक्स फ्रूट जूस में कंसन्ट्रेटेड मिक्स्ड फ्रूट जूस की मात्रा 10.2 प्रतिशत हुआ करती थी. वहीं, नए पैक में ये घटकर 8.2 प्रतिशत रह गई है. यानी जूस में अब फलों की मात्रा पहले से कम कर दी गई है. बाकी सारे इंग्रेडिएंट्स (जैसे पानी, चीनी, फ्लेवर आदि) वही रखे गए हैं. इस बदलाव का मतलब है कि अब इस जूस में फलों का स्वाद और पोषण दोनों थोड़े कम मिलेंगे. जब किसी जूस में फल का हिस्सा घटा दिया जाता है, तो उसका असली फायदा भी घट जाता है.
अब जूस नहीं, चीनी आगे
नए पैक पर लिखा हुआ ध्यान देने लायक है. पहले पैकिंग में फ्रूट जूस शब्द ऊपर लिखा जाता था, लेकिन अब शुगर यानी चीनी को पहले स्थान पर दिखाया जा रहा है. ये इसलिए है क्योंकि अब चीनी की मात्रा फलों से ज्यादा हो गई है.
इसका मतलब साफ है – पहले जहां जूस में फलों का रस ज्यादा था, अब उसमें मीठास ज्यादा और फल कम हैं. ये बदलाव स्वास्थ्य के लिहाज से भी ठीक नहीं माना जाता.
पैकेजिंग और मार्केटिंग में बदलाव
पहले इस जूस की पैकिंग पर बच्चों की तस्वीरें होती थीं और लिखा होता था अपने बच्चों को ये जूस जरूर पिलाएं. इससे ये उत्पाद बच्चों को ध्यान में रखकर बेचा जाता था. लेकिन अब ये किड-सेंटर्ड मार्केटिंग हटा दी गई है. पैकिंग पर बच्चों की तस्वीर नहीं है और ये एक सही बदलाव कहा जा सकता है. कम से कम अब ये सीधा बच्चों को आकर्षित करने की कोशिश नहीं करता.
कीमत वही, पर गुणवत्ता कम
सबसे बड़ी बात ये है कि इस जूस की कीमत अभी भी ₹130 है, जो पहले भी थी. यानी लोगों को अब उतने ही पैसे में कम फल और ज्यादा चीनी मिल रही है. ये निश्चित रूप से उचित नहीं है.
कुल मिलाकर देखा जाए तो रीयल मिक्स फ्रूट जूस की पैकिंग बदली है, मार्केटिंग में सुधार हुआ है, लेकिन जूस की गुणवत्ता में गिरावट आई है. हमें इन बदलावों को जानना और समझना चाहिए. कंपनियों से भी उम्मीद की जाती है कि वे कीमत वही रखते हुए उत्पाद की गुणवत्ता को कम न करें।