Home > देश > बिहार के लोगों के पास अगर नहीं मिले ये 11 कागजात, सरकार लेगी ऐसा एक्शन, छिन जाएगा नागरिकों का ये सबसे बड़ा अधिकार

बिहार के लोगों के पास अगर नहीं मिले ये 11 कागजात, सरकार लेगी ऐसा एक्शन, छिन जाएगा नागरिकों का ये सबसे बड़ा अधिकार

Bihar Chunav: कुछ ही समय में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव से ज्यादा चर्चा है तो इस बात की कि, लोग अपना वोट कैसे डालेंगे? लोगों को ये चिंता इस लिए खाए जा रही है क्यूंकि, चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन जारी हुई हैं।

By: Heena Khan | Last Updated: July 25, 2025 11:39:01 AM IST



Bihar Chunav: कुछ ही समय में बिहार में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में चुनाव से ज्यादा चर्चा है तो इस बात की कि, लोग अपना वोट कैसे डालेंगे? लोगों को ये चिंता इस लिए खाए जा रही है क्यूंकि, चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन जारी हुई हैं। जिसमे कहा गया है कि,बिहार क्व लोगों के पास कुछ अहम डाक्यूमेंट्स होना जरूरी हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें लोगों को वोट डालने में काफ़ी परेशानी हो रही है। वहीँ बिहार के कई गांवों में लोग चुनाव आयोग द्वारा मांगे गए दस्तावेज़ बनवाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं।

चुनाव योग ने दिए निर्देश 

आपकी जानकारी के लिए बता दें, चुनाव आयोग ने 25 जुलाई तक मतदाता सूची का सत्यापन पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं। वहीँ विधानसभा चुनाव को लेकर बिहार में खास इंतजाम किए जा रहे हैं। वहीँ इस समय सबसे ज्यादा मुश्किल में वो लोग हैं, जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं था। बिहार में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 2.93 करोड़ है। वहीँ अब इसे लेकर चुनाव आयोग ने कहा है कि उनके पास 11 जरूरी दस्तावेजों में से कोई एक होना चाहिए, तभी वो वोट डाल पाएंगे। 

भड़क उठा विपक्ष 

वहीँ इस मामले को लेकर विपक्ष ने कहा है कि भाजपा के इशारे पर चुनाव आयोग बिहार के गरीब, दलित, पिछड़े और वंचित लोगों को परेशान कर रहा है। वहीँ आपकी जानकारी के लिए बता दें, चुनाव आयोग का कहना है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के अनुसार मतदाता सूची तैयार करने की जिम्मेदारी निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की है और चुनाव आयोग केवल दिशा-निर्देश दे सकता है। इस अधिनियम के अनुसार, अंतिम निर्णय ईआरओ पर निर्भर करता है कि वो किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल करने के लिए आवेदन स्वीकार करे या नहीं।

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