अक्सर लोगों के मन के कई तरह के अजीब सवाल आते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर हमारी धरती की पूरी बर्फ गल जाए तो हमारा क्या होगा? आइए जानते हैं कि क्या होगा. अगर ऐसी स्थिती आई तो सुमद्र का लेवल बढ़ जाएगा और बहुत से देश और शहर डूब जाएंगे. साइंटिस्ट के मुताबिक, अगर ऐसा कभी हो गया तो धरती का नक्सा ही बदल जाएगा. भारत के लोगों के लिए ये खतरा हो सकता है क्योंकि भारत में काफी लोग बर्फीले इलाकों में रहते हैं.
धरती पर ग्लेशियरों और ध्रुवीय इलाकों में करोड़ों टन बर्फ जमा है. अगर ये सारी बर्फ पिघल जाए तो समुद्र का लेवल करीब 70 मीटर (230 फीट) तक बढ़ जाएगा. ये सिर्फ तटों को नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता को प्रभावित करेगा. साइंटिस्ट का मानना है कि ऐसा अचानक नहीं होगा, बल्कि सैकड़ों सालों में हो सकता है. लेकिन जिस तेजी से ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन बढ़ रहे हैं, उससे ये खतरा अब दूर की बात नहीं रह गया है.
भारत के डूबते तटीय राज्य
अगर पूरी बर्फ पिघल गई तो भारत के तटीय राज्यों का नक्शा सबसे पहले बदल जाएगा.
पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल जैसे राज्य धीरे-धीरे पानी में समा जाएंगे.
कोलकाता, चेन्नई, विशाखापट्टनम, कोच्चि और कटक जैसे बड़े शहर पूरी तरह जलमग्न हो सकते हैं.
गुजरात का कच्छ क्षेत्र, जो पहले से ही समुद्र के करीब है, पूरी तरह पानी में डूब सकता है.
इन इलाकों में रहने वाले करोड़ों लोगों को पलायन करना पड़ेगा और देश के भीतर बड़ी आबादी विस्थापित हो जाएगी.
दुनिया के बदलते नक्शे
भारत ही नहीं, पूरी दुनिया इस तबाही की चपेट में आएगी.
न्यूयॉर्क, फ्लोरिडा, एम्स्टर्डम, सैन फ्रांसिस्को और शंघाई जैसे बड़े शहर डूब जाएंगे.
मालदीव, फिजी और श्रीलंका जैसे द्वीपीय देशों का अस्तित्व मिट जाएगा. समुद्र के बढ़ते तापमान और खारापन से समुद्री जीव-जंतु नष्ट होंगे. कोरल रीफ जो समुद्र का आधार हैं, खत्म हो जाएंगे.
असर कितना बुरा होगा?
सारी बर्फ पिघलने से पृथ्वी का तापमान और बढ़ जाएगा. कुछ जगहों पर रहना असंभव हो जाएगा.
बाढ़, सूखा, तूफान और भीषण गर्मी जैसी आपदाएं आम होंगी. करोड़ों लोग घर, जमीन और रोजगार खो देंगे.
बड़े पैमाने पर जलवायु पलायन शुरू होगा और देशों के बीच सीमाओं व संसाधनों को लेकर संघर्ष बढ़ सकता है.