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Faridabad Terror Plot: हरियाणा के फरीदाबाद से लेकर कश्मीर तक फैले एक खतरनाक आतंकी नेटवर्क का खुलासा देशभर में सनसनी फैला चुका है. इस नेटवर्क का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि इसमें शामिल लोग कोई आम अपराधी नहीं, बल्कि डॉक्टर जैसे शिक्षित और सम्मानित पेशे से जुड़े थे. इन पेशेवरों का इस्तेमाल आतंकी संगठनों ने हथियारों और विस्फोटकों की सप्लाई के लिए किया, जिससे देश की सुरक्षा एजेंसियां भी हैरान रह गईं.
कौन है आदिल अहमद राठेर?
आदिल अहमद राठेर का नाम पहली बार तब सामने आया जब वह अक्टूबर 2024 तक जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट के पद पर कार्यरत थे. डॉक्टर के रूप में उनकी पहचान बेहद सम्मानजनक थी, लेकिन 27 अक्टूबर 2024 को श्रीनगर में लगाए गए एक सीसीटीवी फुटेज ने सबको चौंका दिया. फुटेज में आदिल को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन वाले पोस्टर लगाते हुए देखा गया था. इस घटना के कुछ ही दिनों बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई की और आदिल अहमद को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया. उनकी गिरफ्तारी के बाद जांच में जो तथ्य सामने आए, उन्होंने पूरे सिस्टम को हिला दिया.
जीएमसी अनंतनाग से मिला AK-47 और गोला-बारूद
अधिकारियों ने जब जीएमसी अनंतनाग में आदिल के लॉकर की तलाशी ली, तो वहां से एके-47 राइफल और भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ. यह वही जगह थी जहां आदिल बतौर सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर काम करते थे. इस खुलासे के बाद उन पर आर्म्स एक्ट और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया.
फरीदाबाद में भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद
आदिल अहमद राठेर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी निशानदेही पर फरीदाबाद में छापेमारी की. वहां से 350 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, कई असॉल्ट राइफलें, गोला-बारूद और टाइमर बरामद किए गए. फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त सतेंद्र कुमार गुप्ता ने पुष्टि की कि बरामदगी आदिल अहमद की दी गई जानकारी के आधार पर की गई थी.
#WATCH | Haryana | 360 kg of possible ammonium nitrate, assault rifle and other ammunition recovered by J&K Police during investigation in Faridabad.
Visuals from Fatehpur Taga in Faridabad, from where a team of J&K Police is leaving. A search operation by Haryana Police is… pic.twitter.com/YQT67uDmP5
— ANI (@ANI) November 10, 2025
जांच के गहराते आयाम
इस मामले ने देश की सुरक्षा एजेंसियों को झकझोर दिया है. जांच से पता चला कि आतंकी संगठन अब सिर्फ़ निचले स्तर के लोगों को नहीं, बल्कि उच्च शिक्षित और पेशेवर व्यक्तियों को भी अपने जाल में फंसा रहे हैं. डॉक्टर जैसे विश्वसनीय पेशे में घुसपैठ इस बात का प्रमाण है कि आतंक का नेटवर्क अब समाज के अंदरूनी हिस्सों में तक पहुँच चुका है.