Home > धर्म > लड़का हो या लड़की… चरित्र और सम्मान पर लग जाएगा बड़ा कलंक, भूलकर भी अगर रख दिया इन 5 जगह कदम

लड़का हो या लड़की… चरित्र और सम्मान पर लग जाएगा बड़ा कलंक, भूलकर भी अगर रख दिया इन 5 जगह कदम

Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार, शास्त्रों में 5 ऐसी जगह बताई गई हैं, जहां व्यक्ति कदम भी रख दे, तो उसका चरित्र और सम्मान कलंकित हो जाता है. चलिए जानते हैं यहां कौन सी है वो 5 जगह.

By: chhaya sharma | Last Updated: November 8, 2025 12:05:43 PM IST



Chanakya Niti, Successful Life Lessons: आचार्य चाणक्य के बारे में हर कोई जानता हैं, वो बहुत बड़े दार्शनिक माने जाते थे. उन्होंने सभी को जीवन  के बारे में समझने और उसे आसान बनाने के लिए कई सारे नीतिशास्त्र के सूत्र दिए है. ऐसे ही आचार्य चाणक्य जी का दिया हुआ एक ज्ञान है, जो चरित्र और सम्मान को लेकर है और काफी प्रसिद्ध है. चाणक्य नीति के मुताबित  शास्त्रों में 5 ऐसी जगहों के बारे में बताया गाय हैं, जहां व्यक्ति कदम भी रख दे, तो उसका चरित्र और सम्मान कलंकित हो जाता है.चलिए जानते हैं यहां कौन सी है वो 5 जगह. 

जहां इज्जत न हो

आचार्य चाणक्य के अनुसार,  किसी भी व्यक्ती को कभी भी उस जगह नहीं जाना चाहिए, जहां उसे सम्मान न मिले. अगर कही आप जाते है और वहां के लोग आपका सम्मान नहीं कर रहे हैं, तो तुरंत आपकोो वहा से निकल जाना चाहिए. क्योंकि सम्मान बहुत बड़ी चीज होता है और इसकी रक्षा करना आदमी के तत्पर होता है.

शिक्षा का मूल्य न समझना

चाणक्य नीति के अनुसार, ज्ञान और शिक्षा की सबसे बड़ा धन होता है, जहा लोग ज्ञान और शिक्षा का मूल्य ना समझे वहां एक पल भी रुकना आपके चरित्र और सम्मान के खिलाफ माना जाता है. क्योंकि जहां ज्ञान और शिक्षा का मूल्य ना हो वो जगह नर्क के समान होती है. विद्या का महत्व समझे, बिना इंसान का भविष्य उज्जवल खराब है.

रोजगार की कमी

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जहां जआजीविक का साधन न हो या फिर जहां रोजगार की कमी हो, वहां व्यक्ति को कभी भी कदम नहीं रखना चाहिए. क्योंकि बिना धन किसी भी  मूलभूत आवश्यकताओं का पूरा करना असंभव होता और धन पाने के लिए रोजगार का होना सबसे जरुरी है.

संस्कार की कमी

चाणक्य नीति के अनुसार, जिस घर में संस्कारों की कमी होती है, वहां किसी भी व्यक्ति को नहीं जाना चाहिए. वहां आपका अपमान हो सकता है और चरित्र  भी खराब हो सकता है.संस्कारों के बिना मनुष्य का जीवन पशु के जैसा माना जाता है. जिस घर में महिलाओं का सम्मान नहीं होता है, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान और बच्चों स्नेह नहीं रखा जाता,उन जगहों से दूर रहना चाहिए  

बुरी संगत

आचार्य चाणक्य के अनुसार,  जहां बुरी संगत हो वहां कभी भी किसी को नहीं जाना चाहिए. क्योंकि बुरी संगत आदमी की बुद्धि भ्रष्ट कर देती है. ऐसी जगह जाने से चरित्र खराब होता है और सम्मान भी नहीं बढ़ता. इसलिए जहां लोग जुए, नशा और झूठ, कपट, लूटखोरी, बेईमानीकरते हों, वहां गलती से भी कदम नहीं रखना चाहिए.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

Advertisement