4 New Vande Bharat Express Train: 8 नवंबर 2025 को भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ जाएगा .जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ करेंगे. यह नई ट्रेनें देश के अलग-अलग हिस्सों जैसे बनारस-खजुराहो, लखनऊ–सहारनपुर, फिरोजपुर–दिल्ली और एर्नाकुलम–बेंगलुरु के बीच चलने के लिए अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है. इसके अलावा इन चार नई ट्रेनों के शुरू होने से यात्रियों को तेज और सुरक्षित सफर के साथ-साथ आरामदायक सफर का भी आनंद मिलेगा.
बनारस–खजुराहो वंदे भारत एक्सप्रेस
यह ट्रेन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही है. यह ट्रेन वाराणसी, प्रयागराज, चित्रकूट और खजुराहो जैसे ऐतिहासिक शहरों को तेज़ रेल संपर्क से जोड़ेने का काम करेगी. ट्रेन के शुरू होने से लगभग 2 घंटे 40 मिनट का समय बचेगा और तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आधुनिक, आरामदायक यात्रा का सबसे अच्छा अनुभव मिलेगा. अभी तक इन स्थलों के बीच सीधी तेज़ ट्रेन सेवा नहीं थी, जिससे यह रूट धार्मिक पर्यटन को भी एक नई दिशा देगा.
लखनऊ–सहारनपुर वंदे भारत एक्सप्रेस
उत्तर प्रदेश के अंदर तेज़ यात्रा सुविधा के लिए यह ट्रेन भारतीय रेलवे के बेहद ही एक बड़ी पहल है. यह ट्रेन लगभग 7 घंटे 45 मिनट में दूरी पूरी करेगी, जिससे वर्तमान यात्रा समय में कमी देखने को मिलेगी. इसके अलावा इस रूट पर लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली, मुरादाबाद, बिजनौर और सहारनपुर जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल किए गए हैं. यह ट्रेन उत्तराखंड के हरिद्वार जाने वाले यात्रियों के लिए भी एक नया विकल्प बनेगी और पश्चिमी के साथ मध्य उत्तर प्रदेश के बीच कनेक्टिविटी को मज़बूत करने का भी काम करेगी.
फिरोजपुर–दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस
पंजाब और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच यह ट्रेन व्यापारिक के साथ-साथऔद्योगिक गतिविधियों को एक नई रफ्तार देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. फिरोजपुर से दिल्ली तक यह वंदे भारत एक्सप्रेस सिर्फ 6 घंटे 40 मिनट में पहुंचा देगी. यह रूट बठिंडा, पटियाला जैसे औद्योगिक केंद्रों को भी जोड़ती है, जिससे व्यापारियों और कामकाजी यात्रियों को फिहलहाल बड़ी राहत मिल सकेगी. इसके अलावा सीमावर्ती जिलों से राजधानी दिल्ली तक आवागमन अब पहले से और भी ज्यादा सुविधाजनक हो जाएगा.
एर्नाकुलम–बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस
खास तौरा से दक्षिण भारत के यात्रियों के लिए यह ट्रेन एक सबसे बड़ा तोहफा है. यह ट्रेन 8 घंटे 40 मिनट में एर्नाकुलम से बेंगलुरु की दूरी तय करेगी, यानी दो घंटे से कम समय के अंदर यह ट्रेन अपना सफर बेहद ही आसानी के साथ तय कर सकेगी. इस ट्रेन का मार्ग केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच व्यावसायिक, शैक्षणिक और आईटी क्षेत्र से जुड़े यात्रियों के लिए उपयोगी साबित होना है.
रेलवे का लक्ष्य “स्पीड, सुविधा और आत्मनिर्भरता”
भारतीय रेलवे के मुताबिक, वंदे भारत ट्रेनों के विस्तार होने से “मेक इन इंडिया” मिशन पर खास ज़ोर और ध्यान दिया जा रहा है. इन ट्रेनों की अधिकतम गति 160 किमी/घंटा तक है, और इनमें एयरलाइन जैसी सीटें, स्वचालित दरवाजे, जीपीएस सूचना प्रणाली, बायो-वैक्यूम टॉयलेट और आधुनिक सस्पेंशन सिस्टम जैसी अनेकों सुविधाएं शामिल हैं.
भारत में 50 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनों का हो चुका है निर्माण
देश में अब तक 50 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो चुकी हैं, और रेलवे का लक्ष्य अगले एक साल में इसकी संख्या को बढ़ाकर 75 के पार करना है. इन ट्रेनों के ज़रिए भारतीय रेल न सिर्फ गति बढ़ा रही है, बल्कि यात्रियों को एक नई गुणवत्ता और विश्वसनीयता का भी अनुभव देने में जुटी हुई है.