Patanjali News: अक्सर बाबा रामदेव को उनके ब्रांड को लेकर HC की फटकार पड़ती रहती है. वहीं एक बार फिर HC ने पतंजलि को फटकार लगाई है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने पतंजलि आयुर्वेद से उसके टीवी विज्ञापन को लेकर सवाल किया, जिसमें उसके अपने उत्पादों को छोड़कर बाकी सभी च्यवनप्राश उत्पादों को “धोखाधड़ी” वाला बताया गया था. न्यायमूर्ति तेजस करिया ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई भी कंपनी यह दावा कर सकती है कि उसका उत्पाद सर्वश्रेष्ठ है, लेकिन वो यह नहीं कह सकती कि बाकी सभी उत्पाद धोखाधड़ी वाले हैं.
क्या डिक्शनरी में कोई और शब्द नहीं-HC
इतना ही नहीं अदालत ने आगे कहा, “आप ‘निम्न गुणवत्ता’ तो कह सकते हैं, लेकिन ‘धोखाधड़ी’ शब्द का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं? यह एक नकारात्मक और अपमानजनक शब्द है. आप कह रहे हैं कि बाकी सब धोखेबाज़ हैं, और सिर्फ़ आप ही असली हैं. क्या शब्दकोश में इसके अलावा कोई और शब्द नहीं बचा है?” अदालत ने स्पष्ट किया कि विज्ञापन में इस्तेमाल की गई भाषा पूरे च्यवनप्राश ब्रांड को अपराधी बनाती है, जो अस्वीकार्य है.
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डाबर ने लगाया आरोप
इतना ही नहीं बल्की अदालत ने इस मामले में डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा दायर अंतरिम निषेधाज्ञा याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. डाबर ने पतंजलि आयुर्वेद के नए विज्ञापन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है. डाबर का आरोप है कि यह विज्ञापन अन्य सभी च्यवनप्राश ब्रांडों को धोखाधड़ी वाला बताकर उसकी छवि धूमिल करता है.
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