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बिहार में 5 फीसदी वोटिंग बढ़ने पर कब-कब पलटी सत्ता? चुनाव के नतीजे आने से पहले पढ़ लें ज्यादा मतदान प्रतिशत का पूरा विश्लेषण

Bihar Election 2025:आज़ादी के बाद से हुए 17 विधानसभा चुनावों के नतीजे साफ़ दिखाते हैं कि बिहार में जब भी मतदान 5% से ज़्यादा बढ़ा या घटा, न सिर्फ़ राज्य की सत्ता, बल्कि राजनीतिक परिदृश्य भी बदला.

By: Divyanshi Singh | Last Updated: November 7, 2025 12:05:36 PM IST



Bihar Election 2025:  बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का 6 नवंबर को हुआ. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर रिकॉर्ड 64.66% वोटिंग हुई है. ये बिहार के इतिहास में अब तक का सबसे ज्यादा मतदान है. इससे पहले साल 2000 में 62.57 फीसदी वोट पड़े थे.अगर दूसरे और अंतिम चरण की 122 सीटों पर भी मतदान ऐसा ही रहा, तो बिहार का राजनीतिक परिदृश्य पूरी तरह बदल सकता है. आज़ादी के बाद से हुए 17 विधानसभा चुनावों के नतीजे साफ़ दिखाते हैं कि बिहार में जब भी मतदान 5% से ज़्यादा बढ़ा या घटा तो न सिर्फ़ राज्य की सत्ता बल्कि राजनीतिक परिदृश्य भी बदला गया. तो चलिए जानते हैं उन चुनावों के बारें में जब मतदान प्रतिशत 5% बढ़ा या घटा.

1967: मतदान में 7% की वृद्धि, कांग्रेस के पतन की शुरुआत

1967 के चुनावों में मतदान प्रतिशत में 7% की वृद्धि हुई. यह राज्य में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार का गठन था. हालांकि, सरकार अस्थिर रही. महामाया प्रसाद सिन्हा मुख्यमंत्री बने. जन क्रांति दल और शोषित दल ने कांग्रेस का प्रभुत्व तोड़ा, लेकिन अपनी एकता बनाए रखने में असफल रहे. कांग्रेस सरकार सत्ता में आती-जाती रही. इस चुनाव ने कांग्रेस के पतन की शुरुआत की.

1980 मतदान में 6.8% की वृद्धि

1980 में, मतदान प्रतिशत में 6.8% की वृद्धि हुई. कांग्रेस अपने दम पर सत्ता में लौटी, और जगन्नाथ मिश्र मुख्यमंत्री बने. उस समय, जनता पार्टी के आंतरिक कलह के कारण कांग्रेस ने जनता पार्टी को सत्ता से हटा दिया था. हालांकि, पार्टी की अंदरूनी राजनीति ने कांग्रेस के शासन को 10 साल के भीतर ही समाप्त कर दिया.

1990 मतदान में 5.8% की वृद्धि  कांग्रेस का शासन समाप्त

1990 में मतदान प्रतिशत में 5.8% की वृद्धि हुई, जिससे कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई. जनता दल ने सरकार बनाई और लालू यादव मुख्यमंत्री बने. इसके बाद, मंडल राजनीति ने राज्य की राजनीति पर ऐसी छाप छोड़ी कि कांग्रेस कभी वापसी नहीं कर पाई. लालू यादव ने बिहार के पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया और 15 साल तक शासन किया.

2005 मतदान प्रतिशत 16.1% कम, नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने 

2005 में, मतदान प्रतिशत 16.1% कम था, लेकिन लालू-राबड़ी शासन समाप्त हो गया. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. इस बार सत्ता परिवर्तन कम मतदान प्रतिशत के कारण हुआ. नीतीश कुमार ने सुशासन की छवि बनाई और 20 साल तक बिहार की सत्ता संभाली.

बिहार में किस साल कितने प्रतिशत हुए मतदान?  देखें

साल प्रतिशत
1951-52 42.6
1957 43.24
1962 44.47
1967 51.51
1969 52.79
1972 52.79
1977 50.51
1980 57.28
1985 56.27
1990 62.04
1995 61.79
2000 62.57
2005-फरवरी 46.5
2005-अक्टूबर 45.85
2010 52.73
2015 56.91
2020 57.29

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