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Bihar Chunav 2025: आधी आबादी का जोर…बिहार के वोटर किस ओर, पहले चरण की वोटिंग में किसका दिख रहा माहौल?

Bihar Election 2025: बिहार के इतिहास में पहले चरण में इस बार सबसे अधिक वोटिंग हुई है. इस बार पहले चरण में 26 लाख मतदाताओं ने वोट डाला है. अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा की आखिर यह वोटिंग किस तरफ इशारा कर रही है.

By: Preeti Rajput | Last Updated: November 7, 2025 8:48:56 AM IST



Bihar Vidhansabha Election: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav) के पहले चरण के लिए मतदान पूरा हो चुका है. गुरुवार 6 नवंबर को बिहार के 121 सीटों पर मतदाताओं ने जबरदस्त उत्साह के साथ मतदान किया. इस बार पहले चरण में (bihar voting percentage) 64.69 प्रतिशत वोटिंग की गई है. साल 2020 से यह 8% ज़्यादा है. बिहार के इतिहास में पहली बार मतदाताओं ने इतनी भारी संख्या में मतदान किया है. साल 2020 में पहले चरण में 56.1% वोटिंग हुई. इस बार पहले चरण में 36 लाख अधिक मतदाताओं ने वोटिंग की है. जो पिछली बार से 5 लाख ज्यादा है. 64.69% वोटिंग के हिसाब से 2.42 करोड़ लोगों ने पहले चरण में मतदान किया है. 

बिहार में भारी संख्या में हुआ मतदान 

इतनी भारी संख्या में मतदान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा होना शुरु हो गई है कि, इतनी अधिक वोटिंग का आखिर मतलब क्या है. बिहार की जनता ने इस बार किस पार्टी को मत देकर जीत की तरफ आगे बढ़ा दिया है. दरअसल, भारत के चुनावी इतिहास में जब भी बढ़ी मात्रा में वोटिंग की जाती है, तो इसका साफ मतलब होता है कि जनता बदलाव की मांग कर रही है. इस बार  जनता नीतीश कुमार की जीत पक्की करना चाहती है या बात कुछ और ही है. इस बार यह मतदान किस तरफ जाएगा, फिलहाल यह कहना थोड़ा जल्दी होगा. 

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महिला वोटर तय करेंगी बिहार का भविष्य 

बिहार की राजनीति में अधिक वोटिंग के दो मतलब हो सकते हैं. पहला कि जनता बदलाव की मांग कर रही है और दूसरा किसी वर्ग विशेष का एकजुट होकर मतदान करना. जिसमें महिला मतदाताओं की भागीदारी काफी अहम है. इस बार महिलाओं को लेकर महागठबंधन और एनडीए दोनों ने बड़े-बड़े वादे कर चुकी है. महिला मतदाता 2005 से नीतीश कुमार की ताकत रही हैं. ऐसे में उनका मतदान एकजुट होकर पड़ना नीतीश कुमार की जीत तय करता है. हालांकि तोजस्वी यादव नें इस बार महिला मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की है. 

 दूसरे चरण के मतदान पर टिकी नजरें

बिहार की राजनीति का फिलहाल सस्पेंस बरकरार है. सभी की निगाहें अब 11 नवंबर पर टिकी हुई है. दूसरे चरण का मतदान किसी एक पार्टी की जीत तय करने वाला है. वहीं बिहार का ताज किसके सिर पर सजेगा इसका जवाब 14 नवंबर को पूरे देश के सामने आ जाएगा. 

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