Worlds First Cashless Country: स्वीडन ने दुनिया के सामने डिजिटल परिवर्तन का एक वैश्विक उदाहरण स्थापित किया है. स्वीडन में लगभग हर वित्तीय लेन-देन, चाहे वह खरीदारी, यात्रा या दान के लिए हो, अब इलेक्ट्रॉनिक रूप से किया जाता है.
रिपोर्ट्स बताती हैं कि स्वीडन में सभी लेन-देन में से 1% से भी कम में नकदी का इस्तेमाल होता है, जो इसे डिजिटल भुगतान और वित्तीय पारदर्शिता के मामले में सबसे उन्नत देश बनाता है.
स्वीडन पहला कैशलेस देश कैसे बना?
नकदी-मुक्त अर्थव्यवस्था बनने की यात्रा 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुई. स्वीडन के मज़बूत डिजिटल बुनियादी ढाँचे, तकनीक-प्रेमी आबादी और भरोसेमंद बैंकिंग प्रणालियों ने इसका मार्ग प्रशस्त किया. जब स्वीडिश बैंकों ने 2012 में स्विश (Swish) नामक एक मोबाइल भुगतान ऐप पेश किया, जो प्रमुख बैंकों के सहयोग से बनाया गया था, तो इसने स्वीडिश लोगों के पैसे के लेन-देन के तरीके को बदल दिया.
लोग अब सिर्फ अपने फ़ोन नंबर का इस्तेमाल करके तुरंत भुगतान भेज और प्राप्त कर सकते थे. यह नवाचार तेज़ी से फैला. आज, स्थानीय कैफ़े, बाज़ार और चर्च भी पारंपरिक कैश रजिस्टर के बजाय स्विश, क्लार्ना और बैंकआईडी जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करते हैं.
सरकारी और बैंकिंग सहायता
स्वीडिश सरकार और देश के केंद्रीय बैंक, रिक्सबैंक, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने मज़बूत साइबर सुरक्षा कानून लागू किए हैं और नागरिकों को रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए कॉन्टैक्टलेस कार्ड और ई-पेमेंट ऐप अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है. कई बैंकों ने भौतिक धन का लेन-देन पूरी तरह से बंद कर दिया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में नकदी निकालना लगभग असंभव हो गया है.
सरकार का लक्ष्य न केवल सुविधा प्रदान करना है, बल्कि भ्रष्टाचार, काले धन और चोरी को कम करना भी है, साथ ही यह सुनिश्चित करना है कि वित्तीय लेनदेन पूरी तरह से पता लगाने योग्य और सुरक्षित हों.
स्वीडन में डिजिटल भुगतान संस्कृति
स्वीडन के लोग अब कैशलेस समाज में रहने के आदी हो गए हैं. सड़क पर नाचने वाले संगीतकारों से लेकर सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों तक, लगभग सभी डिजिटल भुगतान स्वीकार करते हैं. यहाँ तक कि कबाड़ी बाज़ार और छोटे विक्रेता भी क्यूआर कोड और मोबाइल ट्रांसफ़र पर निर्भर हैं.
रेस्टोरेंट में, ग्राहक अक्सर ऐप्स के माध्यम से तुरंत बिल बाँट लेते हैं, और टैक्सी सेवाएँ स्वचालित रूप से भुगतान डिजिटल रूप से संसाधित करती हैं. इस बदलाव ने स्वीडन को दुनिया की सबसे डिजिटल रूप से एकीकृत और कुशल अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना दिया है.
Bihar GK Question : इस बार चुनाव में EVM को लेकर क्या हुए हैं बदलाव, जरूर जानें ये 10 बातें
स्वीडन की डिजिटल मुद्रा – ई-क्रोना
डिजिटल वित्त में अग्रणी के रूप में अपनी स्थिति को और मज़बूत करने के लिए, रिक्सबैंक ई-क्रोना विकसित कर रहा है, जो एक सरकार समर्थित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) है. ई-क्रोना का उद्देश्य नकदी का एक सुरक्षित और आधिकारिक डिजिटल विकल्प प्रदान करना है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि संपूर्ण वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र समावेशी और कुशल बना रहे. लॉन्च होने के बाद, स्वीडन पूरी तरह से चालू डिजिटल राष्ट्रीय मुद्रा रखने वाले पहले देशों में से एक बन जाएगा.
अन्य देशों को प्रेरित करना
स्वीडन के मॉडल ने नॉर्वे, फ़िनलैंड, डेनमार्क, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे अन्य देशों को प्रेरित किया है, जो तेज़ी से अपनी भुगतान प्रणालियों का डिजिटलीकरण कर रहे हैं. चीन के वीचैट पे और अलीपे ने भौतिक नकदी के इस्तेमाल की जगह ले ली है, जबकि नॉर्वे का लक्ष्य 2030 तक 99% कैशलेस होना है. वैश्विक बदलाव दर्शाता है कि स्वीडन के इस साहसिक कदम ने दुनिया भर में डिजिटल भुगतान क्रांति को जन्म दिया है.
आखिर कौन हैं नायका की फाउंडर ? जो देश की सबसे अमीर सेल्फ मेड महिलाओं में से एक हैं.