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‘भवन में वैभव हो, लेकिन दिखावा…’, बॉम्बे HC पर CJI गवई ने दी सलाह; आर्किटेक्ट पर जताया भरोसा

CJI Gavai News: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने बॉम्बे हाईकोर्ट के लेकर एक बड़ा बयान दिया है. वह हाल ही में मुंबई में नए भवन का भूमिपूजन एवं शिलान्यास के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि "भवन में वैभव हो, लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए."

By: Preeti Rajput | Last Updated: November 6, 2025 1:54:12 PM IST



CJI BR Gavai : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई बुधवार को मुंबई दौरे पर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लॉ यूनिवर्सिटी के साथ बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन और शिलान्यास किया. इस खास मौके पर उन्होंने आर्किटेक्ट को एक बड़ी नसीहत भी दी. उन्होंने कहा कि “बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत को स्टार होटल नहीं बल्कि न्याय मंदिर बनाएं.” वई ने बुधवार को इस बात पर जोर दिया कि बांद्रा (पूर्व) में बनने वाले बॉम्बे उच्च न्यायालय परिसर में फिजूलखर्ची के बजाय सादगी और लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक दिखनी चाहिए.

सीजेआई गवई ने दी सलाह 

सीजेआई गवई ने आगे कहा कि “मैंने मीडिया में पढ़ा कि नई इमारत में एक लिफ्ट केवल दो ही जज साझा कर सकते हैं. मैं यह साफ करना चाहता हूं कि अब जज कोई सामंती शासक नहीं है. फिर चाहे वह ट्रायल कोर्ट का जज हो या फिर सुप्रीम कोर्ट का. हम सभी केवल जनता की सेवा के लिए. इसलिए मैं साफ करना चाहता हूं कि, इस भवन में वैभव को, लेकिन कोई दिखावा न हो.”

राज्य सरकार ने सौंपी 30 एकड़ जमीन 

बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग के लिए  3,750 करोड़ की लागत मापी गई थी. यह अब बढ़कर 4,217 करोड़ हो गई है. महारष्ट्र सरकार ने इस काम के लिए 30 एकड़ जमीन भी आवंटित की है. जिसमें से 15 एकड़ जमीन सौंप दी गई है और 15 एकड़ साल 2026 तक दी जाएगी. बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत का शिलान्यास बुधवार को किया गया है. इस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित रहे. इस अवसर पर बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री अजीत पवार भी मौजूद थे. 

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बेहद आलीशान होगा नया हाईकोर्ट 

आर्किटेक्ट हफीज कॉन्ट्रैक्टर को नए परिसर का डिज़ाइन तैयार करने का काम सौंपा गया है, जो एआई-सक्षम होगा और 50 लाख वर्ग फुट में फैला होगा. 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली यह परियोजना चरणों में पूरी होगी. उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बताया कि परियोजना के लिए 15 एकड़ ज़मीन पहले ही सौंप दी गई है और मार्च 2026 तक 15 एकड़ ज़मीन और हस्तांतरित कर दी जाएगी. उन्होंने इस समारोह को बॉम्बे उच्च न्यायालय की 150 साल पुरानी विरासत में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर बताया. मुख्य न्यायाधीश गवई ने यह दोहराते हुए समापन किया कि न्यायपालिका का असली उद्देश्य लोगों की सेवा करना है: “न्यायालय और पीठ न्याय के रथ के दो पहिये हैं – संस्था में विश्वास बनाए रखने के लिए दोनों को एक साथ चलना चाहिए.

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