लखनऊ सुपर जायंट्स (एलएसजी) का आईपीएल 2025 सीज़न उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा. टीम लीग मैचों में सिर्फ़ छह जीत हासिल कर प्वाइंट्स टेबल में सातवें स्थान पर रही. 2022 में लीग में शामिल होने के बाद से यह फ्रेंचाइज़ी अब तक ख़िताब नहीं जीत सकी है. मेगा नीलामी में ऋषभ पंत को भारी रकम में शामिल करके टीम ने बड़ा दांव जरूर लगाया था, लेकिन उनका प्रदर्शन भी उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें एक शानदार शतक भी शामिल था.
अब जबकि आईपीएल 2026 की नीलामी क़रीब है, टीम प्रबंधन उन खिलाड़ियों पर फिर से विचार कर सकता है जो प्रदर्शन या फिटनेस के लिहाज़ से टीम के लिए उपयोगी साबित नहीं हुए. आइए नज़र डालते हैं उन पाँच खिलाड़ियों पर जिन्हें एलएसजी अगले सीज़न से पहले रिलीज़ कर सकती है.
1. मयंक यादव (Mayank Yadav)
मयंक यादव को फ्रैंचाइज़ी ने 2025 की नीलामी से पहले ही 11 करोड़ में रिटेन कर टीम के भविष्य का हिस्सा माना था. लेकिन इस सीज़न चोटों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा. वो पूरे टूर्नामेंट में सिर्फ़ दो मैच ही खेल पाए और दो ही विकेट ले सके. उनकी फिटनेस को लेकर लगातार सवाल उठते रहे. ऐसे में हो सकता है कि एलएसजी अगले सीज़न एक ऐसे फ़िट और लगातार उपलब्ध तेज़ गेंदबाज़ में निवेश करना चाहे.
2. डेविड मिलर (david miller)
अनुभवी फिनिशर के तौर पर जाने जाने वाले डेविड मिलर इस सीज़न अपनी पहचान का प्रदर्शन नहीं कर पाए. 11 मैचों में उनके बल्ले से सिर्फ़ 153 रन आए. निचले क्रम में उन्हें सीमित मौके मिले, लेकिन वहां भी वे मैच का रुख मोड़ने में सफल नहीं रहे. चूंकि एलएसजी के पास पहले से ही पूरन, मार्करम और मार्श जैसे विदेशी विकल्प मौजूद हैं, मिलर की जगह टीम किसी अधिक आक्रामक या बहुमुखी खिलाड़ी को चुन सकती है.
3. अब्दुल समद (Abdul Samad)
अब्दुल समद के पास बड़े शॉट खेलने की क्षमता है, इस बात में शक नहीं. 176+ की स्ट्राइक रेट यह दिखाता भी है. लेकिन 9 पारियों में सिर्फ़ 164 रन और कोई बड़ी या मैच सेट करने वाली पारी न खेल पाना टीम के लिए चिंता का विषय रहा. एलएसजी ऐसे घरेलू ऑलराउंडर की तलाश कर सकती है जो बल्लेबाज़ी के साथ गेंद से भी योगदान दे सके.
4. शाहबाज़ अहमद (Shahbaz Ahmed)
शाहबाज़ को इस सीज़न खेलने का ज़्यादा मौका नहीं मिला, सिर्फ़ तीन मैच. लेकिन उन मैचों में वे गेंद और बल्ले दोनों से फीके दिखाई दिए. टीम अब ऐसे ऑलराउंड विकल्प खोज सकती है जो मध्यक्रम में स्थिरता और गेंदबाज़ी में विविधता ला सके. युवा प्रतिभाओं को मौका देने का यह सही समय हो सकता है.
5. शमर जोसेफ (Shamar Joseph)
वेस्टइंडीज़ के तेज़ गेंदबाज़ शमर जोसेफ को टीम ने राइट-टू-मैच कार्ड के जरिए अपने पास रखा था. लेकिन चोट के चलते वे सिर्फ़ एक मैच ही खेल पाए. भारतीय परिस्थितियों में उन्हें तालमेल बिठाने में भी दिक़्कतें दिखाई दीं. एलएसजी उनके स्थान पर ऐसे विदेशी पेसर को शामिल करने की योजना बना सकती है जो निरंतर उपलब्ध और प्रभावकारी हो.
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