Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव जंग के लिए तैयार है. 6 नवंबर 2025 को पहले चरण के मतदान में पूरा 121 सीटें पर मतदान है लेकिन सबकी नजर हॉट सीट पर है. जहां जितना बड़ा उम्मीदवार उतना ही कड़ा मुकाबला है.
राघोपुर ‘यादवों के गढ़’ में तेजस्वी की प्रतिष्ठा दांव पर
वैशाली जिले की यह सीट लालू प्रसाद यादव परिवार का पारंपरिक गढ़ रही है. लालू यादव खुद 1995 और 2000 में यहां से जीते थे और राबड़ी देवी तीन बार यहां से जीत चुकी है. वर्तमान में राजद नेता तेजस्वी यादव (पूर्व उपमुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता) 2015 से यहां के विधायक थे. हालांकि 2010 में भाजपा के सतीश कुमार यादव ने राबड़ी देवी को हराकर इस गढ़ को ध्वस्त कर दिया था. इस बार इस सीट पर तेजस्वी यादव (राजद), सतीश कुमार यादव (भाजपा) और जन सूरज पार्टी के चंचल सिंह के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
महुआ तेज प्रताप की ‘जनशक्ति’ परीक्षा
इस बार लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने वैशाली की इस सीट पर राजद के खिलाफ बगावत का झंडा बुलंद कर दिया है. तेज प्रताप ने 2015 में यह सीट जीती थी. लेकिन 2020 में वे हसनपुर (समस्तीपुर) चले गए. राजद से निष्कासित तेज प्रताप अपनी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर महागठबंधन के मौजूदा विधायक मुकेश कुमार रोशन (राजद) के खिलाफ चुनाव लड़ रहे है. संजय सिंह (लोजपा, एनडीए) की मौजूदगी ने इस मुकाबले को कांटे का त्रिकोणीय बना दिया है.
तारापुर जदयू के गढ़ में भाजपा की रणनीति
मुंगेर जिले का तारापुर पारंपरिक रूप से जदयू का गढ़ रहा है. हालांकि इस बार भाजपा ने अपनी रणनीति बदलते हुए उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को राजद के अरुण कुमार के खिलाफ मैदान में उतारा है. कुशवाहा, यादव, मुस्लिम और अनुसूचित जाति की बड़ी आबादी वाली यह सीट एक महत्वपूर्ण रणनीतिक लड़ाई का केंद्र है. 2020 में जदयू के मेवा लाल चौधरी ने 63,463 मतों से जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार सम्राट चौधरी के आने से मुकाबला बेहद कड़ा हो गया है.
लखीसराय चुनावी गठबंधनों से निपटने की चुनौती
उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा चौथी बार लखीसराय निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे है. वह पहले भी यहां से जीत की हैट्रिक लगा चुके है. इस बार उनका मुकाबला महागठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीश से है. 2020 में विजय सिन्हा और अमरेश कुमार अनीश लखीसराय सीट पर आमने-सामने थे. कांग्रेस उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीश 10,483 वोटों से हार गए थे. 2020 में विजय कुमार सिन्हा को कुल 74,212 वोट मिले थे. जबकि अमरेश कुमार अनीश को 63,729 वोट मिले थे. पूर्व विधायक फुलैना सिंह और सुजीत कुमार ने भी निर्दलीय चुनाव लड़ा था. फुलैना सिंह को 10,938 और सुजीत कुमार को 11,570 वोट मिले थे. इस बार फुलैना सिंह और सुजीत कुमार ने कांग्रेस उम्मीदवार अमरेश कुमार अनीश का समर्थन किया है.
अलीनगर गायिका मैथिली ठाकुर का राजनीतिक मोड़
इस बार भाजपा ने दरभंगा जिले की अलीनगर सीट से शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित और लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर को मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला राजद के विनोद मिश्रा से है. 2020 में वीआईपी के मिश्री लाल यादव ने यहां जीत हासिल की थी. लेकिन उससे पहले यह सीट राजद का मजबूत गढ़ रही थी. मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता और राजद की लंबे समय से चली आ रही पकड़ ने इस सीट को दिलचस्प बना दिया है.
हसनपुर तेज प्रताप की पिछली जीत का वारिस
समस्तीपुर की हसनपुर सीट 2020 में तब सुर्खियों में आई थी जब तेज प्रताप यादव ने निवर्तमान मंत्री राज कुमार राय (जदयू) को 21,139 मतों के अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. इस बार इस सीट पर राजद की माला पुष्पम और राज कुमार राय (जदयू) के बीच सीधा मुकाबला है. तेज प्रताप के मैदान से बाहर होने के बाद यह सीट दोनों दलों के लिए प्रतिष्ठा का विषय बन गई है.
मोकामा बाहुबल के साथ हाई-प्रोफाइल मुकाबला
पटना से लगभग 100 किलोमीटर दूर मोकामा सीट पर सबसे कड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिल रहा है. जदयू के कद्दावर नेता अनंत सिंह और राजद उम्मीदवार वीणा देवी (सूरजभान सिंह की पत्नी) आमने-सामने है. अनंत सिंह ने दो दशकों तक इस क्षेत्र पर राज किया है, लेकिन दुलार चंद यादव की हत्या के आरोप में उनकी हालिया गिरफ्तारी ने स्थिति को और गरमा दिया है. इस निर्वाचन क्षेत्र में भूमिहार, धानुक, राजपूत, कुर्मी, दलित और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते है. जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के मैदान में उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय और पेचीदा हो गया है. जिससे यह 2025 के विधानसभा चुनावों की सबसे तीखी और हाई-प्रोफाइल लड़ाइयों में से एक बन गई है.