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Dev Deepawali 2025: आज कार्तिक पूर्णिमा तिथि, देव दीपवाली का त्योहार, जानें शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Dev Deepawali 2025 Puja Vidhi Shubh Muhurat: आज कार्तिक पूर्णिमा है और इस दिन देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन शंकर भगवान के साथ-साथ भगवान विष्णु जी की भी पूजा की जाती है. चलिए जानते हैं यहां आज कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली की शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि.

By: chhaya sharma | Published: November 5, 2025 11:27:18 AM IST



Kartik Purnima, Dev Deepawali 2025: आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है और इस दिन देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस पर्व को, त्रिपुरारी पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा जैसे कई नामों से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा की जाती हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ही भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था. इसी वजह से इस दिन को ‘देवताओं की दिवाली’ भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान और दीपदान करता हैं, उसके पापों का नाश होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. चलिए जानते हैं यहां आज कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली की शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि.

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली का शुभ मुहूर्त (Dev Deepawali 2025 Puja Shubh Muhurat)

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली के दिन प्रदोष काल में पूजा की जाती है. वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार देव दीपावली के दिन शाम की पूजा का शुभ मुहूर्त 5 नवंबर को शाम 5 बजकर 15 मिनट से शुरू हो रहा है, जो शाम 7 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. ऐसे में कुल मिलाकर आपको देव दीपावली के दिन पूजा के लिए सिर्फ 2 घंटे 37 मिनट का समय मिलेगा.

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली की पूजन विधि क्या है? (Dev Deepawali 2025 Pujan Vidhi)

आज कार्तिक पूर्णिमा,देव दीपावली के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर, स्नानादि करें. इसके बाद जहा पूजा करनी है यानी अपने घर के मंदिर को अच्छे से साफ करें और गंगाजल से शुद्ध करें. फिर वहा घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद पूरे विधि विधान से भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करें. शिव चालीसा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें, अंत में शिव जी, विष्णु जी और कार्तिकेय भगवान की आरती करें, ऐसा इसलिए क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिव भगवान के पुत्र भगवान कार्तिकेय का जन्मदिन होता हैं. वहीं पूजा के बाद सभी कोने-कोने घर के अंदर और बाहर हर जगह दीपक प्रज्वलित करें और भगवान के सामने अपनी इच्छा रखें और उन्हें हर चीज के लिए धन्यवाद करें 

वाराणसी में बेहद धूमधाम से मनाया जाता है देव दिवाली का त्योहार

बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला देव दीपावली का यह त्योहार शिव की नगरी काशी वाराणसी में बेहद ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. यहां शाम को गंगा के घाटों पर लाखों दीपक जलते हैं, तो पूरा बनारस रोशनी से जगमग उठता हैं. मान्यता है कि देव दीपावली के दिन सभई देवी-देवता स्वयं धरती पर उतर आते है और भक्तों के कष्ट दूर करते हैं. इसलिए इस दिन को सबसे शुभ और पवित्र माना जाता है.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है. पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें. Inkhabar इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है.

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