Former DSP Rishikant Shukla: उत्तर प्रदेश के कानपुर के पूर्व डीएसपी ऋषिकांत शुक्ला पर 100 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति अर्जित करने का गंभीर आरोप लगा है. शिकायतकर्ता ने दावा करते हुए कहा कि एसओजी में रहते हुए उन्होंने 200-300 करोड़ की संपत्ति ठेकेदारी और जमीन कब्जाने से बनाई थी. हांलाकि, एसआईटी जांच में यह खुलासा हुआ है कि उन्होंने दरोगा के पद पर रहते हुए अवैध रूप से यह अकूत दौलत बटोरी, जिसमें नोएडा, चंडीगढ़ में बेनामी संपत्ति और कानपुर के आर्यनगर में 11 दुकानें शामिल हैं. इसके अलावा उनके बेटे पर 33 कंपनियां बनाकर काला धन सफेद करने का भी आरोप है. फिलहाल, पुलिस ने डीएसपी को निलंबित कर विजिलेंस जांच के सख्त आदेश दिए हैं, जबकि शिकायतकर्ता ने उन्हें बर्खास्त करने की कड़ी से कड़ी मांग की है.
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता सौरभ भदौरिया ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि DSP शुक्ला ने एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) में रहते हुए ठेकेदारी और जमीन कब्जाने के माध्यम से 200 से 300 करोड़ रूपये की अवैध संपत्ति जुटाई थी. तो वहीं, कानपुर पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट के मुताबिक एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच में यह चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है.
अवैध कमाई और बेनामी संपत्तियां
फिलहाल, जांच में यह सामने आया कि ऋषिकांत शुक्ला ने 1998 से 2009 के बीच, खासकर कानपुर में दरोगा (उपनिरीक्षक) पद पर तैनाती के दौरान, अपनी घोषित आय से कहीं ज्यादा लगभग 100 करोड़ की संपत्ति अपने परिवार के अलावा साझेदारों और करीबियों के नाम पर खड़ी करके रखी हुई है.
इसके साथ ही अवैध कमाई को छिपाने के लिए उन्होंने बेनामी संपत्तियों का बड़ा जाल बुना हुआ था. जिसमें नोएडा, चंडीगढ़ समेत कई शहरों में बेनामी संपत्तियों के साथ-साथ कानपुर के आर्यनगर में 11 दुकानें फिलहाल शामिल हैं.
काले धन को कैसे किया सफेद
आरोप यह भी लगाया जा है कि उनके बेटे ने 33 कंपनियां बनाकर इस काला धन को सफेद किया. इतना ही डीएसपी के तार अखिलेश दुबे नाम के एक शातिर अपराधी से भी जुड़ा हुआ है. जो जबरन वसूली और जमीन कब्जाने का गिरोह चलाता था एसआईटी ने पुलिस, केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) और अन्य विभागों के कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है. यहां तक की शिकायतकर्ता ने DSP ऋषिकांत शुक्ला को निलंबित करने के बजाय बर्खास्त करने की जल्द से जल्द मांग की है.