Kartik Purnima Tulsi Pujan: कार्तिक पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के बाद अगहन यानी मार्गशीर्ष मास शुरू हो जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ भगवान शिव और तुलसी माता की भी पूजा की जाती है. इस बार 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा. इस दिन तुलसी माता की विशेष रूप से पूजा की जाती है. तो आइए जानते हैं तुलसी पूजा का महत्व और विधि के बारे में.
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा क्यों की जाती है?
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए पूजा की जाती है. कार्तिक मास में भगवान विष्णु शयन से जागते हैं और यह पूजा उनकी प्रिय तुलसी के प्रति सम्मान प्रकट करती है. इसके अलावा यह दिन तुलसी विवाह के समापन का भी प्रतीक है जो आपके घर पर सुख-समृद्धि लाता है.
कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Tulsi Puja Muhurat)
सुबह का पूजा मुहूर्त: 7 बजकर 58 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक है
शाम का पूजा मुहूर्त: 5 बजकर 11 मिनट से 6 बजकर 50 मिनट तक है
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा के क्या लाभ हैं?
भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा:
माता तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है. इन्हें देवी लक्ष्मी का भी स्वरूप माना जाता है. ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा आप पर बनी रहती है.
सुख-समृद्धि का प्रतीक:
तुलसी विवाह का समापन कार्तिक पूर्णिमा पर होता है. इसलिए इसे काफी शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है.
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सकारात्मक ऊर्जा का होता है प्रवाह:
तुलसी का पौधा घर से नकारात्मक ऊर्जा को करता है दूर और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी पूजा करने से घर से वास्तु दोष दूर होता है.
स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए
कार्तिक पूर्णिमा पर तुलसी पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है.