Sheikh Hasina on Coup: बांग्लादेश में साल 2024 में छात्र आंदोलन की आग इतनी भड़की कि शेख हसीना को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा और फिर 5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई और तब से दिल्ली में रह रही है. इस पूरे मामले पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ छात्र विरोधी प्रदर्शन अमेरिका द्वारा रचित और पाकिस्तान द्वारा अंजाम दिया गया एक आतंकवादी हमला था.
शेख हसीना ने क्या-क्या कहा? (What did Sheikh Hasina say?)
द प्रिंट से बातचीत के दौरान शेख हसीना ने कहा कि पिछले साल जुलाई-अगस्त में हुई घटनाएं उन्हें सत्ता से हटाने के उद्देश्य से एक विदेशी साजिश का हिस्सा थीं. आगे उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि आप नई इसे क्रांति मत कहो! यह बांग्लादेश पर एक आतंकवादी हमला था, जिसकी योजना अमेरिका ने बनाई थी और पाकिस्तान ने उसे अंजाम दिया था, और इसे छात्र विद्रोह के रूप में प्रस्तुत किया गया था. यह मुझे सत्ता से हटाने के लिए किया गया था. जिन हत्याओं का आरोप मेरी सरकार पर लगाया गया था, वे पुलिस द्वारा नहीं, बल्कि आतंकवादियों द्वारा की गई थीं, जिनका उद्देश्य जनता को मेरे खिलाफ भड़काना था.
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मोहम्मद यूनुस पर साधा निशाना (Direct target on Muhammad Yunus)
शेख हसीना ने सीधे तौर पर नोबेल पुरस्कार विजेता और बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाया है. जिसमें उन्होंने कहा कि अमेरिकियों के इशारे पर उन्हें सत्ता से बेदखल करने की साजिश रचने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका बंगाल की खाड़ी में स्थित एक रणनीतिक क्षेत्र, सेंट मार्टिन द्वीप पर नियंत्रण चाहता था. हसीना ने आगे कहा कि क्या आप जानते हैं कि इस सब के पीछे असली व्यक्ति कौन है? वह यूनुस है. अमेरिकी मुझसे सेंट मार्टिन द्वीप चाहते थे. अगर मैं मान जाती, तो वे मुझे सत्ता से नहीं हटाते. लेकिन मैंने अपने देश को बेचने से इनकार कर दिया.
पाकिस्तान पर साधा निशाना (Direct target on Pakistan)
शेख हसीना ने यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान में कट्टरपंथी ताकतें लंबे समय से बांग्लादेश में चरमपंथी नेटवर्क का समर्थन करती रही हैं – हस्तक्षेप का यह सिलसिला 1971 से जारी है. हसीना के देश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग की गतिविधियों को निलंबित कर दिया और मई में चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया. बांग्लादेश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टियों में से एक अवामी लीग जिसका जनसमर्थन पारिवारिक परंपरा में निहित है, अब कई कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रही है, जिनमें प्रदर्शनकारियों की मौत से संबंधित कथित हत्या के मामलों में हसीना पर लगे आरोप भी शामिल हैं.
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