Bihar Vidhan Sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की राजनीति में अक्सर नताओं के किस्से सुर्खियां में बना रहा है. लेकिन इस बार चर्चा का विषय मोकामा के अपराधी विधायक अंनत सिंह की पत्नी नीलम देवी है. हाल ही में दुलार चंद यादव ने नीलम देवी को “नाचनेवाली” कहकर राजनीतिक माहौल गरमा दिया था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि नीलम देवी कौन हैं और उन्होंने अपने पति के राजनीतिक साम्राज्य को कैसे संभाला था?
परीक्षा केंद्र पर पहली मुलाकात
नीलम देवी और अंनत सिंह की पहली मुलाकात एक परीक्षा केंद्र पर हुआ था. तब हुआ जब नीलम छात्रा थी अपराधी अनंत सिंह परीक्षा देने आया था. इसी दौरान उससे बातचीत शुरू हुआ और धीरे-धीरे उसका रिश्ता प्यार में बदल गया था. फिर कुछ साल के बाद दोनो की शादी हो गई और नीलम देवी ने एक लड़की से राजनीति में एक अपराधी अनंत सिंह की के साथ बनने की शुूरू की.
अनंत सिंह के जेल जाने पर नीलम ने संभाली कमान
अपराधी की छवि रखने वाला अनंत सिंह कई मामलों में जेल जा चुका है. उसके जेल में रहने के दौैरान नीलम देवी ने न केवल घर की जिम्मेदारी संभाली बल्कि मोकामा की राजनीति पर भी अपनी पकड़ बनाए रखी थी. अपने पति को जेल जाने के बाद उन्होंने कार्यकर्ताओं को सक्रिय रखा और क्षेत्र की जनता से सीधा संपर्क बनाए रखा था.
जब नीलम देवी चुनावी मैदान में उतरी
नीलम देवी ने 2020 के मोकामा विधानसभा उपचुनाव में राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ी और भाजपा उम्मीदवार को हराकर विधायक बनी. इससे यह साफ हो गया है कि वह न केवल एक “अपराधी की पत्नी” हैं, बल्कि अपने आप में एक सक्षम नेता भी है.
विवाद के बावजूद लोकप्रियता बरकरार
नीलम देवी ने हाल ही में “नाचने वाली महिला” वाली टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे महिलाओं के सम्मान पर हमला बताया। इस बयान ने न केवल दुलार चंद यादव की मुश्किलें बढ़ा दीं, बल्कि नीलम के प्रति सहानुभूति की लहर भी पैदा कर दी।
क्या निजी बयान मौत का कारण बने?
दुलार चंद यादव द्वारा अनंत सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल ने कई लोगों को यह विश्वास दिलाया है कि यही उनकी मौत का कारण हो सकता है. दुलार चंद का खुद का आपराधिक इतिहास रहा है. उन्होंने निजी बयानों के जरिए अपने ताकतवर प्रतिद्वंद्वी को सीधी चुनौती दी थी. इस बयान ने न सिर्फ़ सुर्खियां बटोरीं बल्कि मोकामा के जाति-सामाजिक समीकरणों को भी प्रभावित किया है.