Tanzania Election Violence: आम चुनावों के बाद तंजानिया में हिंसा भड़क उठी है. विपक्षी पार्टी, चाडेमा का दावा है कि तीन दिनों में लगभग 700 लोग मारे गए हैं. पार्टी प्रवक्ता जॉन किटोका के अनुसार, अकेले दार एस सलाम में 350 लोग, मवांज़ा में 200 से ज़्यादा और अन्य इलाकों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं. सैन्य सूत्रों ने भी इन आंकड़ों की पुष्टि की है.
इंटरनेट बंद, लगाया गया कर्फ्यू
हिंसा बुधवार के चुनाव परिणामों के बाद शुरू हुई, जब राष्ट्रपति सामिया सुलुहू हसन की सत्तारूढ़ पार्टी, चामा चा मापिन्दुज़ी (सीसीएम) की जीत पर धोखाधड़ी के आरोप लगे. परिणामों से नाराज़ प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर पुलिस थानों, सरकारी इमारतों और वाहनों पर हमला किया. कुछ ही घंटों में, स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस और सेना को कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा. सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया, कर्फ्यू लगा दिया और विदेशी पत्रकारों के रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया.
प्रदर्शनकारियों को “अपराधी” घोषित किया गया
राजधानी और प्रमुख शहरों में टायर जलाए गए और सेना के ट्रकों और बख्तरबंद वाहनों ने सड़कों पर गश्त की. सेना प्रमुख जनरल जैकब मकुंडा ने प्रदर्शनकारियों को “अपराधी” करार दिया और कहा कि सेना कानून-व्यवस्था बहाल करेगी.
फिर से चुनाव कराने की मांग
तंजानिया के अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र ज़ांज़ीबार में, राष्ट्रपति हुसैन म्विनयी (सीसीएम) द्वारा 78.8% मतों से जीत की घोषणा के बाद तनाव बढ़ गया. विपक्षी दल, एसीटी-वज़ालेंडो ने मतदान को “पूरी तरह से धोखाधड़ी” बताया और दोबारा चुनाव कराने की मांग की.
हिंसा से पहले भी, विपक्षी नेताओं के अपहरण, धमकियों और दमन की खबरें आती रही थीं. राष्ट्रपति हसन, जिन्होंने 2021 में मागुफुली की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली थी, अब अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन हिंसा ने उनकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया है.
सैकड़ों की हुई मौत
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कम से कम 100 मौतों की पुष्टि की है, जबकि संयुक्त राष्ट्र (UN) ने संयम बरतने की अपील की है. कॉलेज बंद हैं, इंटरनेट बंद है और तंजानिया अब लोकतंत्र के बजाय भय के शासन में घिरा हुआ प्रतीत होता है.