Dular Chand Yadav Murder Case: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) से पहले मोकामा में जनसुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव (Dular Chand Yadav Murder Case) की हत्या के मामले में चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने कड़ी कार्रवाई की है. आयोग ने बाढ़ और मोकामा से तीन अधिकारियों का तत्काल तबादला कर दिया है, जबकि एक अधिकारी को निलंबित कर दिया है. स्थानीय पुलिस अधीक्षक का भी तबादला कर दिया गया है. चुनाव आयोग ने बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार से कल दोपहर 12 बजे तक कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है.
कौन-कौन से अधिकारियों पर हुई कार्रवाई? (Which officers were taken action against?)
शनिवार (01 नवंबर, 2025) को जारी चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, बाढ़ के अनुमंडल अधिकारी (SDO) और 178-मोकामा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी चंदन कुमार को हटा दिया गया है. उनकी जगह आईएएस आशीष कुमार को नियुक्त किया गया है, जो वर्तमान में पटना नगर निगम के अपर नगर आयुक्त हैं. इसी तरह, बाढ़-1 के एसडीपीओ राकेश कुमार और बाढ़-2 के एसडीपीओ अभिषेक सिंह का तबादला कर दिया गया है और उनकी जगह 2022 आरआर बैच के आनंद कुमार सिंह और आयुष श्रीवास्तव को नियुक्त किया गया है. चुनाव आयोग ने हटाए गए तीनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई का भी आदेश दिया है.
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पटना ग्रामीण एसपी ने क्या कहा? (What did Patna Rural SP say?)
इस पूरे मामले पर पटना ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक (SP) का बयान भी सामने आया है. जिसमें उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह कार्रवाई दो स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) – घोसवरी एसएचओ मधुसूदन कुमार और भदौर एसएचओ रवि रंजन – को इसी मामले के सिलसिले में दिन में निलंबित करने के बाद की गई है.
क्या है पूरा मामला? (What is the whole matter?)
30 अक्टूबर, 2025 को दुलारचंद यादव को चुनाव प्रचार के दौरान दो प्रतिद्वंद्वी समूहों के बीच गोलीबारी में मारे गए थे. पुलिस ने हत्या के मामले में तीन एफआईआर दर्ज की हैं और दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि दुलारचंद की मौत कार्डियोरेस्पिरेटरी फेलियर से हुई थी. जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने इस घटना को “जंगल राज” की वापसी बताया और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी हिंसा की निंदा की और चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की.
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