Khatu Shyam Trip : राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटू श्याम जी का मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रतीक माना जाता है. कहा जाता है कि जो भी सच्चे मन से बाबा श्याम के दरबार में आता है, उसकी मनोकामना पूरी होती है. “हारे का सहारा बाबा श्याम हमारा” ये पंक्ति यहां की धार्मिक भावना को दर्शाती है.
देवउठनी एकादशी के दिन खाटू श्याम मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस दिन को खाटू श्याम जी का जन्मोत्सव माना जाता है. मंदिर को सुंदर फूलों से सजाया जाता है और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है. दूर-दूर से श्रद्धालु इस दिन बाबा के दर्शन के लिए आते हैं.
खाटू श्याम यात्रा को बनाएं यादगार
अगर आप खाटू श्याम जी के दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो अपने सफर में कुछ नजदीकी जगहों को भी शामिल करें. ये सभी स्थल सीकर से 100 किलोमीटर के दायरे में हैं और धार्मिक व प्राकृतिक सुंदरता का अद्भुत संगम प्रस्तुत करते हैं.
सांभर साल्ट लेक – खारे पानी का अजूबा
खाटू श्याम जी से लगभग 88 किलोमीटर दूर स्थित सांभर साल्ट लेक भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है. यहां का दृश्य बहुत ही शानदार है. झील चारों ओर नमक के तालाब और उड़ते हुए पक्षी इस जगह को खास बनाते हैं. ये स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए एक शानदार एक्सपीरिएंस है.
हर्षनाथ मंदिर – शिव का प्राचीन धाम
खाटू श्याम से लगभग 40 किलोमीटर दूर, हरियाली भरी पहाड़ियों के बीच स्थित हर्षनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. ये मंदिर लगभग 10वीं शताब्दी में बनाया गया था. यहां की शांति और वातावरण भक्तों को अध्यात्म से जोड़ देता है.
खाचरियावास – राजस्थानी गांव की झलक
खाटू श्याम जी से करीब 26 किलोमीटर दूर खाचरियावास गांव पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति को करीब से दिखाता है. मिट्टी के घर, ऊंट की सवारी, स्थानीय व्यंजन और ग्रामीण जीवन की सादगी इस जगह को खास बनाती है. जो लोग असली राजस्थान देखना चाहते हैं, उनके लिए ये गांव बेस्ट है.
शाकंभरी देवी मंदिर – आस्था का केंद्र
सांभर झील के पास स्थित शाकंभरी देवी मंदिर का धार्मिक महत्व बहुत गहरा है. देवी शाकंभरी कई वंशों की कुलदेवी मानी जाती हैं. मंदिर का वातावरण बेहद शांत और मन को सुकून देने वाला है.
लोहार्गल – पांडवों की तपस्थली
खाटू श्याम जी से करीब 63 किलोमीटर दूर स्थित लोहार्गल का उल्लेख महाभारत काल से जुड़ा है. कहा जाता है कि युद्ध के बाद पांडव अपने पापों से मुक्ति पाने के लिए यहां स्नान करने आए थे. ये स्थान हरी-भरी पहाड़ियों से घिरा हुआ है और यहां की प्राकृतिक सुंदरता मन मोह लेती है.