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Trump Tariff Impact: रूस से तेल खरीद पर ब्रेक! भारत की इस बड़ी कंपनी ने अचानक क्यों रोकी सप्लाई?

दिग्गज अंतरराष्ट्रीय कंपनी एचपीसीएल–मित्तल एनर्जी लिमिटेड ने रूस से तेल खरीदने से इनकार कर दिया है, जिससे कच्चे तेल की सप्लाई चेन, कीमतों और वैश्विक ऊर्जा व्यापार पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. जानें पूरा मामला

By: Shivani Singh | Last Updated: October 29, 2025 8:34:28 PM IST



इस्पात समूह के प्रमुख लक्ष्मी मित्तल के भारत स्थित ऊर्जा संयुक्त उद्यम एचएमईएल ने बुधवार को कहा कि उसने हालिया प्रतिबंधों के मद्देनजर रूसी कच्चे तेल की आगे की खरीद निलंबित करने का फैसला किया है.

मित्तल समूह और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के समान स्वामित्व वाले इस संयुक्त उद्यम एचएमईएल ने बताया कि अमेरिका द्वारा रूस के बड़े तेल उत्पादकों पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद यह पहली भारतीय कंपनी है जिसने आधिकारिक रूप से कहा है कि वह रूसी कच्चा तेल नहीं खरीदेंगे.

नए प्रतिबंधों के बाद लिया गया निर्णय

एचपीसीएल–मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एचएमईएल) ने अपने बयान में कहा कि अब तक वह रूसी तेल, डिलीवरी के आधार पर खरीदता आया है यानी आपूर्तिकर्ता ने शिपिंग की व्यवस्था की थी. ऐसी डिलीवरी के तहत भारतीय बंदरगाहों पर आने वाले जहाजों पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं था. कंपनी ने कहा, “अमेरिका, यूरोपीय संघ और यूनाइटेड किंगडम द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर नई प्रतिबंधात्मक घोषणाओं के मद्देनजर, बकाया ऑर्डर न होने तक रूसी कच्चे तेल की आगे की खरीद को निलंबित करने का निर्णय लिया गया है.”

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सरकारी नीतियों के अनुरूप संचालन

पंजाब के भटिंडा में रिफाइनरी का संचालन करने वाली इस कंपनी ने कहा कि उसने हमेशा सरकारी नीतियों और नियमानुसार काम किया है. एचएमईएल की व्यावसायिक गतिविधियाँ भारत सरकार और उसकी ऊर्जा सुरक्षा नीति के अनुरूप हैं.

बयान में यह भी कहा गया कि एचएमईएल द्वारा शिपिंग–डिलिवरी के सभी लेन-देन और मंजूरियाँ उचित परिश्रम व अनुपालन प्रक्रियाओं के अधीन रही हैं. इनमें प्रतिपक्ष का KYC, प्रतिबंधों की जाँच, जहाज का इतिहास और पूर्व बंदरगाह मंजूरी शामिल है.

कंपनी ने आगे कहा कि उसे आपूर्ति किए गए सभी तेल कार्गो “बंदरगाह पर वितरण” के आधार पर प्राप्त हुए हैं. इसका मतलब यह है कि कंपनी के पास उन अन्य जहाजों का विवरण नहीं होगा जिनका उपयोग तेल के परिवहन के लिए किया गया हो, और न ही उसे पता होगा अगर किसी जहाज ने प्रतिबंधित जहाजों से तेल लिया हो या छुपाने का प्रयास किया गया हो.

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