US LUCAS Drone: खुद को दुनिया का सुपर पावर कहने वाला है अमेरिका वैसे तो अपने एडवांस हथियारों के दम पर उछलता रहता है। लेकिन अब समय बदल गया है। हाल ये है कि अमेरिका भी अब चीन की तरह दूसरे देशों की हथियार टेक्नोलॉजी कॉपी कर रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर यूजर्स बोल रहे हैं। असल में कुछ दिन पहले 16 जुलाई 2025 को पेंटागन की ओर से एक नया ड्रोन पेश किया गया। इस ड्रोन का नाम ‘लो कॉस्टअनक्रू कॉम्बैट अटैक सिस्टम (LUCAS) है।
जब इस ड्रोन की तस्वीर सामने आई, तो रक्षा विशेषज्ञ और तकनीकी विशेषज्ञ कुछ देर के लिए यकीन ही नहीं कर पाए कि यह एक अमेरिकी ड्रोन है और इसकी वजह यह है कि लुकास बिल्कुल ईरान के शाहेद ड्रोन जैसा दिखता है।
बता दें कि पिछले तीन सालों से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस, ईरान के शाहेद ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। ईरानी शाहेद-136 ड्रोन ने यूक्रेन पर लगातार हवाई हमले करने में रूस की मदद की है।
अमेरिकी LUCAS क्या ईरान के शाहेद-136 की कॉपी है?
जब से अमेरिकी LUCAS की तस्वीरें सोशल मीडिया पर आई हैं, लोग दावा कर रहे हैं कि यह बिल्कुल ईरान के शाहेद-136 और रूस के गेरान-2 ड्रोन जैसा दिखता है। रूसी समाचार वेबसाइटों ने भी इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘यह एक अमेरिकी स्टार्टअप द्वारा बनाया गया ड्रोन है, लेकिन इसका डिज़ाइन पूरी तरह से ईरानी शाहेद जैसा दिखता है।’ हालाँकि, ऐसी अटकलें भी हैं कि यूक्रेन ने अच्छी हालत में एक रूसी ड्रोन हासिल किया और फिर उसे अमेरिका को दे दिया।
और फिर अमेरिकी कंपनी ने ईरान के अपने ड्रोन की रिवर्स इंजीनियरिंग करके इसे बनाया। यह भी माना जा रहा है कि इन सस्ते ड्रोनों की यूक्रेन को बड़े पैमाने पर आपूर्ति की जाएगी।
US Unveils Low-Cost Kamikaze Drone LUCAS, Inspired by Iran’s Shahed-136https://t.co/4SmuEwcTSH pic.twitter.com/kcAnfn4Stg
— Roni Sontani (@Roni_Sont) July 17, 2025
अमेरिकी LUCAS ड्रोन की ताकत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, LUCAS की सबसे बड़ी खासियत इसका मॉड्यूलर और ओपन आर्किटेक्चर है। इसकी वजह से इसे एक ही ढांचे में कई तरह के मिशन, जैसे हमला, निगरानी (टोही) और संचार सहायता, के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अलावा, यह ड्रोन 600 किलोग्राम से भी हल्का है और मध्यम ऊंचाई पर लंबी दूरी तक उड़ान भर सकता है। इसका प्रक्षेपण भी काफी लचीला है। चाहे वह रॉकेट-असिस्टेड टेकऑफ़ (RATO) हो या किसी सैन्य वाहन से सीधा प्रक्षेपण।
सबसे दिलचस्प बात यह है कि लुकास के लिए किसी विशेष रूप से प्रशिक्षित ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होती है, यानी इसे तेज़ी से बदलते युद्धक्षेत्र में आसानी से तैनात किया जा सकता है।
वहीं, अगर इस ड्रोन की कीमत की बात करें, तो लुकास की अनुमानित कीमत लगभग 1 लाख डॉलर (करीब 83 लाख रुपये) हो सकती है, जिससे इसे बड़े पैमाने पर तैनात करना संभव होगा। पिछले साल एक रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान ने शाहेद ड्रोन को 375,000 डॉलर (3.23 करोड़ रुपये) प्रति यूनिट की दर से बेचने की पेशकश की थी।