US Bahrain Nuclear Deal: ईरान के परमाणु स्थलों पर बमबारी के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने कुछ ऐसा किया जिससे तेहरान नाराज़ हो जाएगा। दरअसल, अमेरिका और बहरीन ने शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा में सहयोग के लिए एक अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते का नाम सिविल न्यूक्लियर कोऑपरेशन मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (NCMOU)है, जिसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में एक-दूसरे का सहयोग करना, ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत करना और आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाना है।
दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते पर अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और बहरीन के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल लतीफ़ बिन राशिद अल ज़ायनी ने हस्ताक्षर किए हैं। बता दें कि दोनों देश पहले से ही सुरक्षा, ऊर्जा और व्यापार के क्षेत्रों में एक-दूसरे के करीबी साझेदार हैं. नया समझौता दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत बनाएगा।
अमेरिका और तैहरान के बीच समझौता
दोनों देशों के बीच हुए इस समझौते के तहत, वाशिंगटन, मनामा को परमाणु अनुसंधान, तकनीक, सुरक्षा मानकों और विशेषज्ञ प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करेगा। इस समझौते को वर्ष 2060 तक खुद को कार्बन-तटस्थ बनाने के बहरीन के लक्ष्य की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
बता दें कि बहरीन जैसे छोटे देश के लिए छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (एसएमआर) बेहद कारगर साबित हो सकते हैं। दरअसल, ये रिएक्टर कम जगह घेरते हैं, कम खर्चीले होते हैं और इन्हें चलाना भी आसान होता है। यूएई की तरह, बहरीन भी विदेशी विशेषज्ञों की मदद से एसएमआर आधारित ऊर्जा उत्पादन की तैयारी कर रहा है।
दोनों देशों के मजबूत होते रिश्ते
रिपोर्टों के अनुसार, परमाणु समझौते के साथ ही बहरीन ने अमेरिका में 17 अरब डॉलर के निवेश की भी घोषणा की है। यह निवेश विमानन, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में किया जाएगा। इसके अलावा, 800 किलोमीटर लंबी पनडुब्बी फाइबर ऑप्टिक केबल परियोजना की भी योजना है, जो बहरीन को सऊदी अरब, कुवैत और इराक से जोड़ेगी।
दोनों देशों के बीच मज़बूत होते संबंधों का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि अमेरिकी नौसेना के पाँचवें बेड़े का मुख्यालय भी बहरीन में ही है। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता और अब्राहम समझौते जैसे कई समझौते पहले से ही लागू हैं। अब यह परमाणु समझौता इन रणनीतिक संबंधों को और मज़बूत करने का काम करेगा।