Russia-Ukraine War : लंबे समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध में अब तक काफी कुछ देखने को मिल चुके है। अपने से कमजोर देश यूक्रेन को हराने में रूस की हालत पतली हो गई है। इस जंग में मॉस्को को जान और माल दोनों का भारी नुकसान हुआ है। कुछ रिपोर्ट्स में तो ये दावा किया गया है कि इस जंग में अब तर रूस के 10 लाख सैनिक मारे जा चुके हैं। वहीं यूक्रेन अपनी काफी जमीन खोने के बाद भी डटा हुआ है। ये बात अलग है कि उसे यूरोपीय देशों और अमेरिका से सैन्य मदद मिल रही है। अगर ये बंद हो गई तो कीव ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगा।
रूस-यूक्रेन जंग को लेकर बदली ट्रंप की नियत
अब तक ट्रंप इस युद्ध को ख़त्म करना चाहते थे, लेकिन अब जो ख़बरें सामने आ रही हैं, उनसे कुछ और ही पता चलता है। फ़ाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, ट्रंप ने ज़ेलेंस्की से पूछा, “क्या आप मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर भी हमला कर सकते हैं?” ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच यह बातचीत 4 जुलाई 2025 को हुई थी। इस सवाल के जवाब में ज़ेलेंस्की ने कहा कि अगर हमें हथियार दिए जाएँ, तो हम मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग पर ज़रूर हमला कर सकते हैं।
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि ट्रंप ने रूस के अंदर एक घातक और घुसपैठिया हमला करने के लिए यूक्रेन का समर्थन किया है। उन्हें लगता है कि ऐसा करके रूस के लोगों को नुकसान पहुँचाया जा सकता है और तभी क्रेमलिन को बातचीत के लिए मजबूर किया जा सकता है।
क्या है ट्रंप की योजना?
रिपोर्ट के अनुसार, एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच बातचीत यूक्रेन के पश्चिमी देशों में उभरती भावना को दर्शाती है, जो रूस पर और गहरे और आक्रामक हमले के पक्ष में हैं। वे युद्ध को मास्को तक ले जाना चाहते हैं। अमेरिकी नीति निर्माताओं के बीच भी यह भावना धीरे-धीरे मज़बूत हो रही है। हालाँकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका वास्तव में यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार देगा या नहीं।
अगर अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार देता है, तो आने वाले दिनों में रूस के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। वैसे भी, अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण मास्को की हालत खराब है। उसे युद्ध लड़ने के लिए दक्षिण कोरिया की मदद लेनी पड़ रही है।