Pakistan Army Best Weapons : पहलगाम आतंकी हमले के बाद से ही भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। ऑपरेशन सिंदूर में भी भारत ने पाक को जमकर मार लगाई। दुनिया में भी आतंक के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान की जमकर बेज्जती हुई। शुरूआत से ही पाक ने आतंक को अपने देश में पाला है। दुनिया को दिखाने के लिए सिर्फ दिखावा करते हैं और रोना रोते हैं। और फिर कटोरा लेकर भीख मांगने निकल जाते हैं।
अगर भारत और पाकिस्तान की सैन्य और परमाणु क्षमताओं की तुलना करें तो दोनों देशों के पास आधुनिक हथियार प्रणाली और परमाणु शस्त्रागार हैं। वैसे तो पाकिस्तान भारत की सैन्य क्षमता के सामने कहीं नहीं ठहरता, लेकिन कुछ ऐसे हथियार हैं जिनके जवाब में भारत अभी भी तलाश कर रहा है।
पाक का परमाणु जखीरा
पाकिस्तान के पास नस्र (हत्फ़-9) जैसी छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी मारक क्षमता 70 किलोमीटर है और ये सामरिक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। इन हथियारों को भारत की कोल्ड स्टार्ट रणनीति यानी सीमा पार से तेज़ हमले का जवाब देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
भारत के पास सामरिक परमाणु हथियारों का कोई जवाब नहीं है क्योंकि भारत की परमाणु नीति नो फ़र्स्ट यूज़ (NFU) और बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई पर केंद्रित है। पाकिस्तान की यह क्षमता भारत के लिए चुनौती बन सकती है, क्योंकि भारत की S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली छोटी दूरी की मिसाइलों को रोकने में पूरी तरह कारगर नहीं हो सकती है।
भारत के लिए खतरा हैं पाक के ये विमान
हाल के समय में पाक ने चीन से J-10C फाइटर जेट्स हासिल किए हैं। जो एडवांस रडार और PL-15 हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं। PL-15 की मारक क्षमता 90 मील यानि लगभग 145 किमी या उससे भी ज्यादा है, जो भारत के पास मौजूद AIM-120 AMRAAM मिसाइलों की तुलना में लंबी दूरी प्रदान करती है।
इसके अलावा भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान J-10C ने भारतीय राफेल जेट्स को निशाना बनाया था. भारत के पास राफेल और मिराज-2000 जैसे बेहतरीन फाइटर जेट हैं लेकिन PL-15 की लंबी दूरी भारत की हवाई रक्षा रणनीति को चुनौती दे सकती है।
बैदू नैविगेशन सिस्टम
पाकिस्तानी सेना की ‘आंख’ माना जाने वाला चीन का बैदू नेविगेशन सिस्टम दुनिया की सबसे बेहतरीन नेविगेशन तकनीक है। बेइदौ नेविगेशन सिस्टम चीन का स्वदेशी जीपीएस है, जो अमेरिका के जीपीएस, रूस के ग्लोनास और यूरोप के गैलीलियो की तरह काम करता है। यह सिस्टम 2020 में पूरी तरह चालू हो गया और कहा जाता है कि यह 100 गुना ज्यादा सटीक जानकारी देता है।
पाकिस्तान दुनिया का पहला देश है जिसके पास बेइदौ सिस्टम तक सैन्य स्तर की पहुंच है। बेइदौ नेविगेशन सिस्टम तीन कक्षाओं GEO, IGSO, MEO में काम करता है। इससे हथियारों पर सटीक निशाना लगाने और सूचनाओं को साझा करने में मदद मिलती है। यह सिस्टम पाकिस्तान की अमेरिकी जीपीएस पर निर्भरता को खत्म करता है, जिससे डेटा में हेरफेर का खतरा कम होता है।
पाक को मिलेगा J-35A
पाकिस्तान को चीन से पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ फाइटर जेट J-35A मिलने की संभावना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान ने 40 J-35A जेट विमानों की खरीद को मंजूरी दे दी है, जिनकी डिलीवरी 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत में शुरू होने की उम्मीद है। यह डील चीन का पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट का पहला निर्यात होगा, जो भारत के लिए चुनौती साबित होगा। भारत के पास अभी तक 4.5 पीढ़ी का राफेल विमान है, लेकिन पांचवीं पीढ़ी का कोई फाइटर जेट नहीं है। भारत इसी तकनीक पर मार्क-1 और मार्क-2 बना रहा है, लेकिन इसमें समय लगेगा।