Categories: विदेश

चीन ने भारत के खिलाफ LAC पर फिर चली गंदी चाल, इस देश ने खोल दी ड्रैगन की सारी पोल

India-China Relation: सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, यहां एक आधुनिक सैन्य अड्डा बनाया जा रहा है, जिसमें एक कमांड-एंड-कंट्रोल भवन शामिल हैं.

Published by Shubahm Srivastava

China Missile Shelters: चीन ने तिब्बत में पैंगोंग झील के पूर्वी तट पर एक नए वायु रक्षा परिसर का निर्माण तेज़ी से शुरू कर दिया है. यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा पर 2020 के संघर्ष स्थल से लगभग 110 किलोमीटर दूर स्थित है. सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार, यहां एक आधुनिक सैन्य अड्डा बनाया जा रहा है, जिसमें एक कमांड-एंड-कंट्रोल भवन, बैरक, वाहन शेड, गोला-बारूद भंडारण क्षेत्र और रडार पोजिशन शामिल हैं.

HQ-9 मिसाइलों को सीमा के पास डिप्लॉय करेगा चीन!

इस सुविधा की सबसे उल्लेखनीय विशेषता ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (टीईएल) वाहनों के लिए वापस लेने योग्य छतों के साथ ढके हुए मिसाइल प्रक्षेपण पोज़िशन का एक समूह है. ये छतें न केवल मिसाइल लॉन्चरों को छुपाती हैं बल्कि उन्हें हमले से भी बचाती हैं. विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह संरचना चीन की लंबी दूरी की HQ-9 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (SAM) प्रणाली को रखने के लिए डिज़ाइन की गई है.

कौन है ‘इल मॉस्ट्रो डी फ़्लोरेंस’ नाम का दुनिया का सबसे खौफनाक सीरियल किलर? 16 लोगों को दी थी सबसे दर्दनाक मौत

अमेरिका ने खोली चीन की पोल

इस डिज़ाइन की पहचान सबसे पहले अमेरिकी भू-खुफिया कंपनी ऑलसोर्स एनालिसिस ने की थी. इसके अनुसार, चीन ने तिब्बत के गार काउंटी में भी इस परिसर की एक प्रतिकृति बनाई है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से लगभग 65 किलोमीटर दूर और भारत के न्योमा एयरबेस के सामने स्थित है. अमेरिकी अंतरिक्ष खुफिया कंपनी वैंटोर के उपग्रह चित्रों ने इन ढके हुए प्रक्षेपण स्थलों की पुष्टि की है, जिनकी स्लाइडिंग छतें दो वाहनों को समायोजित कर सकती हैं.

Related Post

29 सितंबर के उपग्रह चित्रों में गार क्षेत्र में कम से कम एक ऐसा खुला छत वाला प्रक्षेपण स्थल दिखाई दिया, जिससे नीचे स्थित लांच वाहन का पता चला. ऑलसोर्स एनालिसिस ने कहा कि इन संरचनाओं को टीईएल के वास्तविक स्थान को छिपाने और दुश्मन के हमलों से बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया था.

पहले भी चीन कर चुका है ऐसा काम

हालांकि भारत-तिब्बत सीमा पर ऐसी संरचनाएं नई हैं, दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीपों पर पहले भी इसी तरह की ढकी हुई मिसाइल प्रक्षेपण प्रणालियां देखी जा चुकी हैं. विश्लेषकों ने यह भी पाया है कि इस परिसर में वायर्ड डेटा कनेक्शन अवसंरचना है, जो HQ-9 प्रणाली के विभिन्न घटकों को इसके कमांड-एंड-कंट्रोल केंद्र से जोड़ती है. यह परियोजना वर्तमान में पैंगोंग झील के पास निर्माणाधीन है.

Trump West Bank warning: डोनाल्ड ट्रंप ने इशारों-इशारों में ‘बीबी’ को धमकाया, कहा- सबक तो सिखाना पड़ेगा

Shubahm Srivastava

Recent Posts

Shani Mahadasha Effect: शनि की महादशा क्यों होती है खतरनाक? जानें इसके प्रभाव को कम करने के उपाय

Shani Mahadasha Effects: शनि को न्याय का देवता और कर्मों का फल देने वाला ग्रह…

December 5, 2025

DDLJ के हुए 30 साल पूरे , लंदन में लगा ऑइकोनिक ब्रॉन्ज स्टैच्यू, फोटोज हुईं वायरल

DDLJ Completes 30 Years: फिल्म DDLJ के 30 साल पूरे होने पर लंदन के लीसेस्टर…

December 5, 2025

Putin India Visit: आतंकवाद से लेकर न्यूक्लियर एनर्जी तक, संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में PM मोदी की 10 बड़ी बातें! देखती रह गई पूरी दुनिया

भारत-रूस शिखर सम्मेलन के बाद हुई संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में PM मोदी ने दोस्ती को…

December 5, 2025

कौन थी रतन टाटा की सौतेली माँ सिमोन टाटा? 95 साल की उम्र में निधन, Lakmé को बनाया था भारत का नंबर-1 ब्रांड

लैक्मे (Lakmé) को भारत का नंबर 1 ब्रांड बनाने वाली सिमोन टाटा का 95 वर्ष…

December 5, 2025