Ramayana in Pakistan: पाकिस्तान के कराची शहर से हिंदू समुदाय के लीये एक सकूं देनें वाली खबर सामने आई है। बता दें कि यहाँ मुस्लिम कलाकारों ने रामायण का मंचन किया, जिसके लिए पाकिस्तानी नाटक समूह की खूब तारीफ हो रही है। सप्ताहांत में कराची कला परिषद में रामायण का मंचन किया गया। कराची के ‘मौज’ समूह द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का उपयोग करके इस नाटक का मंचन किया गया।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा अक्सर उठता रहा है, वहीं इस रामायण को लेकर भी कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इस रामलीला के निर्देशक योहेश्वर करेरा ने कहा, ‘मुझे कभी नहीं लगा कि लोग मुझे नापसंद करेंगे या रामायण के मंचन से उन्हें किसी तरह के खतरे का सामना करना पड़ेगा।’
‘पाकिस्तान का समाज ज़्यादा सहिष्णु है’
निर्देशक योहेश्वर करेरा ने कहा, ‘मेरे लिए, रामायण को मंच पर जीवंत करना एक अद्भुत दृश्य अनुभव है और यह दर्शाता है कि पाकिस्तानी समाज जितना माना जाता है, उससे कहीं ज़्यादा सहिष्णु है।’ उन्होंने कहा, ‘नाटक को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और कई आलोचकों ने इसके निर्माण और कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की है।’
पाकिस्तानी फिल्म समीक्षक ने की तारीफ
पाकिस्तान में कला और फ़िल्म समीक्षक, ओमैर अल्वी ने कहा कि वे कहानी कहने की ईमानदारी से प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि रामायण के मंचन के दौरान प्रकाश व्यवस्था, संगीत, कलाकारों की रंग-बिरंगी वेशभूषा और भावनात्मक डिज़ाइन ने शो की भव्यता में चार चाँद लगा दिए। उन्होंने कहा, ‘रामायण एक ऐसी कहानी है जो दुनिया भर के लाखों लोगों से जुड़ती है।’
सीता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री ने क्या कहा?
कराची में हुए इस रामायण मंचन में माता सीता की भूमिका निभाने वाली निर्माता राना काज़मी ने कहा कि वह इस प्राचीन कहानी को दर्शकों के लिए एक जीवंत अनुभव के रूप में प्रस्तुत करने के विचार से रोमांचित हैं।