Pakistan Afghanistan War: पीछले कुछ दिनों से भारत के पड़ोस में तनाव देखने को मिल रहा है. पाकिस्तान के आफगानिस्तान में एयर स्ट्राइक करने के बाद से दोनों देशोे के बीच तनाव चरम पर हैं. अब पाकिस्तान ने इस तनाव के लिए हमेशा की तरह भारत को जिम्मेदार ठहराया है.पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आरोप लगाया है कि अफ़ग़ानिस्तान भारत के लिए काम कर रहा है.
भारत सरकार ने क्या कहा?
हालांकि भारत या अफ़ग़ानिस्तान की सरकारों की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब तुर्की में पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच शांति वार्ता बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई है.
पाकिस्तान ने भारत पर क्या आरोप लगाया?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आसिफ का आरोप है कि काबुल नेतृत्व भारत के इशारों पर नाच रहा है. उन्होंने कहा, “काबुल में कठपुतली का तमाशा करने वाले लोगों को दिल्ली से नियंत्रित किया जा रहा है.” उन्होंने आगे कहा कि भारत पश्चिमी सीमा पर अपनी हार की भरपाई के लिए अफ़ग़ानिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान के चार-पांच बार पीछे हटने के बाद तुर्की में शांति वार्ता विफल हो गई. उन्होंने कहा, “जब भी हम किसी समझौते के करीब होते हैं और वार्ताकार काबुल को सूचित करते हैं, कोई न कोई हस्तक्षेप करता है और समझौता रद्द कर दिया जाता है.” उन्होंने कहा, “भारत पाकिस्तान के साथ धीमी गति से युद्ध लड़ना चाहता है. वे इसके लिए अफ़ग़ानिस्तान का इस्तेमाल कर रहे हैं.”
अफ़ग़ानिस्तान को दी धमकी
अफ़ग़ानिस्तान की जवाबी कार्रवाई की धमकी के बारे में आसिफ ने कहा, “अगर अफ़ग़ानिस्तान इस्लामाबाद की ओर देखेगा, तो हम उसकी आंखें निकाल लेंगे.” उन्होंने आगे कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान में आतंकवाद के लिए काबुल ज़िम्मेदार है.” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर बातचीत से कोई नतीजा नहीं निकलता है, तो अफ़ग़ानिस्तान के साथ युद्ध छिड़ सकता है.
बातचीत का नहीं निकला कोई नतीजा
बता दें कि तुर्की के शहर इस्तांबुल में अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच मंगलवार को हुई बातचीत बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई. दोनों पक्षों के बीच गहरे अविश्वास और आपसी दुश्मनी के कारण यह बातचीत बेनतीजा रही.
वार्ता एजेंसी ने पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि क्षेत्रीय मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई है. इससे दोनों देशों के बीच तनाव गहरा गया है और क्षेत्रीय अस्थिरता की चिंताएँ बढ़ गई हैं. तुर्की और कतर ने दोनों पक्षों के नेताओं से बातचीत जारी रखने और पहले से ही अस्थिर क्षेत्र में और हिंसा को रोकने के लिए तनाव कम करने का आग्रह किया है.
किसी मुद्दे पर नहीं बनी सहमति
रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यस्थों ने स्वीकार किया कि दोनों पक्षों में से कोई भी पक्ष किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी. दोनों देशों की प्राथमिकताएं और अपेक्षाएं एक-दूसरे के बिल्कुल विपरीत रहीं, जिससे वार्ता आगे नहीं बढ़ सकी. अफ़ग़ान तालिबान ने पाकिस्तान पर किसी भी गंभीर वार्ता के लिए प्रतिबद्ध न होने का आरोप लगाया.