Home > विदेश > बांग्लादेश में फिर टलेंगे चुनाव! एक रिपोर्ट ने खोल कर रख दी मुख्य सलाहकार की पोल, जाने आखिर क्या है मुहम्मद यूनुस का प्लान?

बांग्लादेश में फिर टलेंगे चुनाव! एक रिपोर्ट ने खोल कर रख दी मुख्य सलाहकार की पोल, जाने आखिर क्या है मुहम्मद यूनुस का प्लान?

मुर्शिद ने यह भी कहा कि मुख्य सलाहकार ने लंदन जाकर बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की थी, जिसके बाद कहा गया था कि फरवरी 2025 में चुनाव होंगे।

By: Shubahm Srivastava | Published: June 28, 2025 3:33:36 PM IST



Bangladesh General Elections 2025: भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में आम चुनाव को लेकर एक बार फिर से हल्ला मचा हुआ है। असल में ह्यूमन राइट्स एंड पीस फॉर बांग्लादेश के अध्यक्ष माजल मुरशिद ने आशंका जताई है कि चुनाव एक बार फिर से टल सकते हैं, क्योंकि अब तक चुनाव आयोग ने कोई आधिकारिक कार्यक्रम घोषित नहीं किया है।
बता दें कि अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कुछ समय पहले आम चुनावों को लेकर घोषणा की थी। और बताया था कि ये अप्रैल 2025 की शुरुआत में कराए जाएंगे।

लेकिन अब माजल मुरशिद की तरफ से दिए गए बयान ने बांग्लादेश में एक बार फिर से हड़कंप मचा दी है। मुरशिद ने आगे कहा कि  5 अगस्त 2024 के बाद से देश में एक साजिशनुमा माहौल बन गया है। सरकार ने अब तक जनता की मांग के अनुसार स्वतंत्र, निष्पक्ष और सभी वर्गों को शामिल करने वाला चुनाव सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

चुनाव आयोग चुप्पी साधे हुए है – मुरशिद 

मुर्शिद ने यह भी कहा कि मुख्य सलाहकार ने लंदन जाकर बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान से मुलाकात की थी, जिसके बाद कहा गया था कि फरवरी 2025 में चुनाव होंगे। लेकिन तब से स्थिति स्पष्ट नहीं है और चुनाव आयोग भी अब तक चुप है। इसके अलावा मुर्शिद ने अपने बयान में मुहम्मद यूनुस पर भी बड़ा हमला बोला और कहा कि उन्हें असंवैधानिक तरीके से अंतरिम सरकार का मुखिया बनाया गया, जबकि संविधान में ऐसी किसी अंतरिम सरकार का प्रावधान नहीं है।

सरकार के सहयोग के बिना चुनाव कराना असंभव – मुख्य चुनाव आयुक्त

देश में होने वाले आम चुनावों को लेकर चुप्पी साधे बैठे मुख्य चुनाव आयुक्त पर भी सवाल उठ रहे हैं। चुनाव आयोग की ओर से अभी तक कोई ठोस तारीख या शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन ने एक बयान में कहा, “सरकार के सहयोग के बिना चुनाव कराना संभव नहीं है। भले ही चुनाव आयोग को स्वतंत्र कहा जाता हो, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार की केंद्रीय भूमिका के बिना चुनाव नहीं हो सकते।” उन्होंने यह भी कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियों और प्रशासनिक अधिकारियों की मदद के बिना चुनाव प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती।

चीन ने दिया PAK को बड़ा धोखा, इस खतरनाक हथियार से भारत को हराने का देख रहे थे सपना…पीएम मोदी के डर से ड्रैगन ने खींच लिए अपने हाथ

Advertisement