Qatar Security System: इजराइल ने पिछले दिनों कतर की राजधानी दोहा पर हमला कर दिया. आपको जानकारी के लिए बता दें कि हमास (Hamas) ने 7 अक्टूबर, 2023 को इजराइल पर हमला किया, उसके बाद से इजराइल ने गाजा पर आक्रमण (Israel Attack on Gaza) किया है और ईरान और सीरिया सहित पांच देशों पर हमला किया है. इन दो वर्षों में, 2012 से हमास के राजनीतिक कार्यालय की मेजबानी के बावजूद कतर इजराइल के रडार से दूर रहा है. यहां तक कि इजराइल ने हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हानिया (ismail haniyeh) की हत्या की, जो बरसों तक कतर में रह रहा था. इजराइल ने कतर को अलग-थलग करने से परहेज किया.
इजराइल ने कतर पर किए 10 हमले (Israel Strikes Qatar)
आपको जानकारी के लिए बता दें कि कतर एक छोटा लेकिन बेहद समृद्ध देश है, जो हमेशा से अपनी सुरक्षा व्यवस्था पर गर्व करता रहा है. इसके अलावा, अगर बात करें तो यहां दुनिया का सबसे बड़ा अमेरिकी एयरबेस (अल-उदीद) है, जहां से अमेरिका पूरे मध्य पूर्व (Middle East) पर नजर रखता है. अत्याधुनिक रडार सिस्टम, पैट्रियट मिसाइल डिफेंस, ये सभी कतर को अब तक सुरक्षित मानने के बड़े कारण थे. लेकिन हाल ही में हुए इजराइली हवाई हमले ने इस भरोसे को हिला दिया. इजराइल ने मंगलवार को कतर की राजधानी दोहा में लगभग 10 हमले किए. इन हमलों में कतर के एक सुरक्षा बल समेत 6 लोगों की मौत हो गई है. ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि क्या कतर की सुरक्षा उतनी ही मजबूत है जितनी दिखती है?
तकनीकी रूप से सुरक्षित है कतर (qatar security systems)
कतर स्थित अल-उदीद एयरबेस को अमेरिकी सेना की रीढ़ माना जाता है. यहां हजारों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं और यहीं से अमेरिका के लड़ाकू विमान, ड्रोन और कमांड सिस्टम पूरे क्षेत्र को नियंत्रित करते हैं. इसके अलावा, कतर ने अपने अली-वॉर्निंग रडार सिस्टम और पैट्रियट वायु रक्षा मिसाइलों को स्थापित करने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं. तकनीकी रूप से देखें तो कतर का नाम खाड़ी के सबसे सुरक्षित देशों में आता है. इसलिए दोहा (राजधानी) को अंतरराष्ट्रीय वार्ता और गुप्त बैठकों के लिए चुना गया है.
इज़राइल ने सुरक्षा व्यवस्था में सेंध कैसे लगाई? (How did Israel breach the security system?)
लेकिन इजराइल ने पिछले हफ्ते कतर की राजधानी दोहा पर एक के एक दस ताबड़तोड़ हमले कर सबको चौंका दिया, जिससे कतर के सबसे सुरक्षित देश होने पर भी सवालिया निशान खड़े कर दिये. इजराइल ने दोहा के बीचों-बीच एक रिहायशी इमारत पर बमबारी की, जिसके बारे में इजराइल का कहना है कि वहां हमास के वरिष्ठ नेता मौजूद थे. यह हमला ऐसे समय हुआ जब क़तर हमास और अमेरिका के बीच युद्धविराम समझौता कराने की कोशिश कर रहा था.
सबसे हैरानी की बात यह थी कि यह सब उस शहर में हुआ जहां अमेरिकी रडार और मिसाइल रक्षा प्रणाली हमेशा अलर्ट पर रहती है. यानी, इज़राइली लड़ाकू विमानों ने न सिर्फ़ लंबी दूरी तय की, बल्कि अमेरिकी प्रणाली की मौजूदगी के बावजूद दोहा पर बम भी गिराए. अब क़तर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिकी सुरक्षा गारंटी विश्वसनीय है? अगर अमेरिकी अड्डे वाला क़तर सुरक्षित नहीं है, तो दूसरे खाड़ी देशों का भरोसा कैसे बनेगा?
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