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इजरायल-हमास युद्ध के बीच किससे और क्यों माफी मांगने लगे बेंजामिन नेतन्याहू? अब नहीं बचा पाएंगे PM पद!

Benjamin Netanyahu Latest News: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से 111 पन्नों में प्रेसिडेंशियल माफी के लिए औपचारिक अपील की है. इसपर मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस, लॉ-एनफोर्समेंट विभाग और प्रेसिडेंट हाउस की तरफ से समीक्षा की जाएगी.

By: Hasnain Alam | Published: December 2, 2025 1:31:28 PM IST



Benjamin Netanyahu News: इजरायल-हमास युद्ध के दो साल से ज्यादा का समय हो गया है. बीते 10 अक्टूबर को नया युद्धविराम लागू होने के बाद भी बीच-बीच में हमले हो रहे हैं. इस पूरे युद्ध के दौरान इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू चर्चा में रहे हैं. कभी बयानों को लेकर तो कभी गाजा में हमास के खिलाफ लिए गए एक्शन को लेकर. इस दौरान उनपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों ने भी उनको सुर्खियों में रखा.

अब कुछ दिनों पहले इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से प्रेसिडेंशियल माफी के लिए औपचारिक अपील की है. अब पीएम नेतन्याहू की इस अपील की विस्तार से कई स्तर पर समीक्षा की जाएगी. इस बीच यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पीएम नेतन्याहू की कुर्सी जाने वाले है.

नेतन्याहू ने 111 पन्नों में माफी का प्रस्ताव भेजा

दरअसल, नेतन्याहू ने 111 पन्नों में माफी का प्रस्ताव भेजा है, जिसपर मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस, लॉ-एनफोर्समेंट विभाग और प्रेसिडेंट हाउस की तरफ से उनकी अपील की समीक्षा की जाएगी. प्रस्ताव फाइल होने के बाद न्याय मंत्रालय के पेंशन विभाग में ट्रांसफर किया जाएगा. 

फिर जेल विभाग सेवा, इजरायली पुलिस, स्टेट अटॉर्नी ऑफिस, वेलफेयर और मेडिकल अथॉरिटीज, और एनफोर्समेंट एंड कलेक्शन अथॉरिटी (प्रवर्तन निदेशालय) से इनपुट लेकर इस मामले में विस्तृत जानकारी इकट्ठा की जाएगी. इसके बाद अमेरिकी क्षमा विभाग न्याय मंत्री को अपनी राय देता है. इसमें न्याय मंत्री अपनी सिफारिश देते हैं.

वहीं अगर किसी तरह का कोई विवाद होता है, तो सरकार को मामले को संभालने के लिए किसी दूसरे मंत्रालय को नियुक्त करना होगा. न्याय मंत्री की सिफारिश को प्रेसिडेंट हाउस में कानूनी विभाग को भेजा जाता है, जहां फाइल को रिव्यू किया जाता है. जरूरत के हिसाब से बदलाव किए जाने के बाद इसे राष्ट्रपति के कानूनी सलाहकार को भेजा जाता है.

कानूनी सलाहकार फाइल रिव्यू करने के बाद निष्पक्ष राय तैयार करता है और क्षमा विभाग या दूसरी संबंधित संस्थाओं से और पूछताछ कर सकता है. सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद फाइल को राष्ट्रपति के सामने पेश किया जाता है. अब अगर राष्ट्रपति माफी को मंजूरी देते हैं, तो वह एक क्लेमेंसी डॉक्यूमेंट पर साइन करते हैं.

राष्ट्रपति माफीनामा को कबूल नहीं करते तो क्या होता है?

बता दें कि क्लेमेंसी डॉक्यूमेंट किसी दोषी व्यक्ति को दी जाने वाली माफी, सजा में कमी, या क्षमादान की प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस पर न्याय मंत्रालय के किसी मंत्री का काउंटर साइन होता है. वहीं अगर राष्ट्रपति माफीनामा को कबूल नहीं करते हैं, तो एक नोटिस के जरिए आवेदक को ये बता दिया जाता है.

गौरतलब है कि नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के तीन गंभीर आरोप लगे हुए हैं. इजरायल में माफी तभी दी जाती है जब दोषी सिद्ध हो जाता है. हालांकि, नेतन्याहू पर अभी दोष सिद्ध नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले ही राष्ट्रपति से माफी मांग ली है. कोर्ट ने पहले ही कहा था कि माफी मांगने से पहले गुनाह कबूल करना होगा, लेकिन इजरायली पीएम ने ऐसा नहीं किया है.

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति जनहित या बेहद विशेष परिस्थितियों में दोष सिद्ध होने से पहले भी किसी व्यक्ति को माफी दे सकते हैं. यही कारण है कि नेतन्याहू ने दोष सिद्ध होने से पहले माफी मांगी है. दूसरी ओर अगर इजरायली पीएम दोषी सिद्ध हो जाते हैं, तो तुरंत उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा.

2020 में नेतन्याहू के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे. अमीर सहयोगियों से गिफ्ट लेकर राजनीतिक लाभ पहुंचाने का आरोप है. अब देखना होगा कि नेतन्याहू की अपील पर आगे क्या फैसला लिया जाता है.

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