Home > विदेश > क्या है ब्लड मनी जो विदेश में रोक सकती है भारतीय नर्स की फांसी, सजा-ए मौत से 2 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, क्या बदला जाएगा फैसला ?

क्या है ब्लड मनी जो विदेश में रोक सकती है भारतीय नर्स की फांसी, सजा-ए मौत से 2 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, क्या बदला जाएगा फैसला ?

Indian nurse Nimisha Priya: मौत की सज़ा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने की मांग की गई है। यह सुनवाई 16 जुलाई को उसकी निर्धारित फाँसी से ठीक दो दिन पहले हो रही है।

By: Divyanshi Singh | Last Updated: July 14, 2025 11:58:48 AM IST



Indian nurse Nimisha Priya: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र सरकार से यमन में कथित हत्या के लिए मौत की सज़ा का सामना कर रही केरल की नर्स निमिषा प्रिया के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करने की मांग की गई है। यह सुनवाई 16 जुलाई को उसकी निर्धारित फाँसी से ठीक दो दिन पहले हो रही है। निमिषा प्रिया 2017 में अपने यमनी व्यापारिक साझेदार तलाल अब्दो महदी की कथित हत्या के लिए मौत की सज़ा का सामना कर रही है।

ब्लड मनी’ देने के विकल्प

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में निमिषा प्रिया को फाँसी से बचाने के लिए पीड़ित परिवार को ‘ब्लड मनी’ देने के विकल्प पर विचार करने की मांग की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि यमन में शरिया कानून के तहत यह प्रावधान उचित है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता सुभाष चंद्रन केआर द्वारा दायर की गई थी। याचिका में तर्क दिया गया है कि ब्लड मनी का भुगतान पीड़ित परिवार को केरल की नर्स निमिषा प्रिया को माफ़ करने के लिए प्रभावित करेगा। निमिषा प्रिया के परिवार ने कथित तौर पर पीड़िता को बचाने की उम्मीद में उसके परिवार को 10 लाख डॉलर (8.6 करोड़ रुपये) ‘ब्लड मनी’ के रूप में देने की पेशकश की है।

केरल के पलक्कड़ ज़िले की रहने वाली हैं निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ ज़िले की रहने वाली हैं। वह 38 साल की हैं और पेशे से नर्स हैं। निमिषा 2011 में यमन पहुँची थीं। वह अपने परिवार के साथ काम के सिलसिले में वहाँ गई थीं। इसी दौरान यमन में अशांति फैल गई, जिसके कारण उनके पति और बेटी दोनों भारत लौट आए। वे तीन साल तक यमन में रहे और 2014 में वापस आ गए। निमिषा अपने परिवार का पालन-पोषण करने के लिए यमन में ही रहीं।

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निमिषा प्रिया को मौत की सज़ा क्यों सुनाई गई?

यमन में एक नियम है कि अगर कोई विदेशी चिकित्सक क्लिनिक खोलना चाहता है, तो उसे एक यमनी नागरिक को अपना साथी बनाना होगा। इसीलिए उन्होंने तलाल अब्दो महदी नाम के एक युवक को अपना साथी बनाया, लेकिन उसने कथित तौर पर दस्तावेज़ों में छेड़छाड़ की और झूठा दावा किया कि उसने निमिषा से शादी की है। कहा गया कि महदी ने उसका पासपोर्ट ज़ब्त कर लिया, सालों तक उसका शारीरिक और आर्थिक शोषण किया। इसके साथ ही, उसने उसे बार-बार धमकाया भी।

2017 में, निमिशा ने महदी को बेहोश करने की कोशिश की ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस पा सके और यमन से भारत भाग सके, लेकिन उसे बेहोश करने की कोशिश जानलेवा साबित हुई और महदी की मौत हो गई। आरोप है कि निमिशा ने उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करके उसे ठिकाने भी लगा दिया। तीन साल बाद 2020 में उसे मौत की सज़ा सुनाई गई, जिसे हूतियों की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने 2023 में बरकरार रखा। हालाँकि, भारतीय अधिकारी उसकी फांसी रोकने की कोशिश कर रहे हैं। वह फिलहाल राजधानी सना की एक जेल में बंद है, जो हूती प्रशासन के नियंत्रण में है। भारत के हूती प्रशासन के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं।

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