Islamic Women Rights: इस्लामी देशों की छवि अक्सर सख्त नियमों और सामाजिक पाबंदियों से जुड़ी होती है, खासकर महिलाओं को लेकर। इनमें से एक बड़ा नियम यह है कि मुस्लिम लड़कियों को गैर-मुस्लिम लड़कों से शादी करने की इजाजत नहीं होती। ज्यादातर इस्लामी देशों में यह कानून अब भी लागू है, जिससे महिलाओं को अपने जीवनसाथी चुनने की आज़ादी नहीं मिलती।
इस देश में है ये नियम
लेकिन उत्तरी अफ्रीका का एक छोटा देश ट्यूनीशिया इन नियमों को तोड़कर आगे बढ़ा है। ट्यूनीशिया न तो कोई खाड़ी देश है और न ही कट्टर इस्लामी देश माना जाता है। यहां की सरकार ने 2017 में एक ऐतिहासिक फैसला लिया, जिसके तहत मुस्लिम महिलाएं अब किसी भी धर्म के व्यक्ति से बिना उसका धर्म बदलवाए शादी कर सकती हैं। इससे महिलाओं को अपनी ज़िंदगी के फैसले खुद लेने का कानूनी अधिकार मिल गया।
पहले क्या थे नियम
इससे पहले ट्यूनीशिया में 1973 से यह नियम था कि अगर कोई गैर-मुस्लिम पुरुष किसी मुस्लिम लड़की से शादी करना चाहता है, तो उसे इस्लाम धर्म अपनाना ज़रूरी था। इस कारण कई जोड़े मजबूरी में धर्म परिवर्तन करते थे या शादी नहीं कर पाते थे। लेकिन 2017 में राष्ट्रपति बेजी कैद एस्सेबी ने इस पुराने कानून को खत्म कर महिलाओं को धार्मिक स्वतंत्रता और विवाह की आज़ादी दे दी।